दिल्ली एयरपोर्ट का टर्मिनल एक 15 अप्रैल से पूरी क्षमता से चलेगा
दिल्ली एयरपोर्ट का टर्मिनल-1 15 अप्रैल से पूरी क्षमता के साथ खुल जाएगा, जिससे टर्मिनल-2 की सभी उड़ानें टर्मिनल-1 पर स्थानांतरित होंगी। इससे यात्रियों की भीड़ कम होगी और सफर आसान होगा। टर्मिनल-1 में...

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली एयरपोर्ट का टर्मिनल एक 15 अप्रैल से पूरी क्षमता के साथ यात्रियों के लिए खुल जाएगा। इसके खुलने से टर्मिनल-2 की सभी 270 उड़ानों को टर्मिनल-1 पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इसके लिए अकासा और इंडिगो एयरलाइंस को सूचित कर दिया गया है। फिलहाल, टर्मिनल-2 से रोजाना औसतन 46 हजार यात्री सफर करते हैं। टर्मिनल-1 के पूरी तरह खुलने से टर्मिनल-2 और टर्मिनल-3 पर भीड़ कम होगी और यात्रियों का सफर आसान होगा। डायल के अनुसार दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 को विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ तैयार किया गया है। टी-1 के विस्तार के साथ उसे आधुनिक बनाने का काम पूरा हो चुका है। मार्च 2024 में इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। उस समय टर्मिनल के कुछ हिस्से को खोला गया था, लेकिन अब लगभग एक साल बाद टर्मिनल-1 के नवनिर्मित पूरे हिस्से को यात्रियों के लिए खोला जा रहा है। अभी इस टर्मिनल से लगभग 45 विमान उड़ान भर रहे थे।
डायल के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों की सुविधा को लेकर किए जा रहे कार्यों में यह बेहद महत्वपूर्ण कदम है। एयरपोर्ट पर बढ़ रही यात्रियों की भीड़ के बीच इस शुरुआत से उनका सफर आसान एवं सुविधाजनक बनेगा। हमारा प्रयास है कि दिल्ली एयरपोर्ट पर प्रत्येक यात्री को सबसे बेहतर सुविधा एवं आराम का एहसास हो।
10 करोड़ यात्री क्षमता वाला एकमात्र एयरपोर्ट बना
दिल्ली एयरपोर्ट देश का एकमात्र ऐसा एयरपोर्ट है जहां से प्रत्येक वर्ष लगभग 10 करोड़ यात्री सफर कर सकते हैं। दिल्ली एयरपोर्ट के नए टर्मिनल-1 से प्रत्येक वर्ष लगभग 4 करोड़ यात्री सफर कर सकते हैं। टर्मिनल-2 से प्रत्येक वर्ष डेढ़ करोड़ जबकि टर्मिनल-3 से लगभग 4.5 करोड़ यात्री प्रत्येक वर्ष आसानी से सफर कर सकते हैं। भारत के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट में शामिल आईजीआई एशिया का पहला एयरपोर्ट है जो बिल्कुल कार्बन उत्सर्जन नहीं करता है।
प्रमुख बदलाव
एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 के आगमन एवं प्रस्थान क्षेत्र को 55740 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 2,06,950 वर्ग मीटर किया गया है।
एयरपोर्ट पर अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है जिससे यात्रियों का सफर आसान बनेगा।
फेस रिकॉग्नाइजेशन सिस्टम (डीजी यात्रा) टर्मिनल-1 के सभी प्रवेश गेटों पर लगाया गया है।
सुरक्षा जांच को आसान बनाने के लिए 20 ऑटोमेटेड ट्रे रिट्राइवल सिस्टम लगाए गए हैं।
बैगेज को हैंडल करने के लिए इंडिविजुअल कैरियर सिस्टम लगाए गए हैं।
108 कॉमन यूसेज सेल्फ सर्विस क्योस्क चेक इन एवं सेल्फ सर्विस के लिए लगाए गए हैं।
100 चेक इन काउंटर और 36 सेल्फ बैगेज ड्रॉप क्योस्क लगाए गए हैं।
प्रति घंटे बैगेज हैंडलिंग क्षमता को 3240 से बढ़ाकर 6000 किया गया है।
29 प्रवेश द्वार बनाए गए हैं ताकि यात्रियों को आसानी से प्रवेश मिल सके।
प्रार्थना कक्ष के अलावा योगा कक्ष भी बनाया गया है।
लाउंज, मेडिकेशन रूम, बेबी केयर रूम, शौचालय एवं चार्जिंग स्टेशन की सुविधा भी मौजूद है।
एयरपोर्ट के आगमन एवं प्रस्थान दोनों ही स्थान मेट्रो से जुड़े हुए हैं।
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