बेहतर जलापूर्ति के लिए पुरानी लाइनों को बदला जाएगा : सीएम
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जल बोर्ड मुख्यालय का दौरा किया और जलापूर्ति, सीवर व्यवस्था और यमुना सफाई पर चर्चा की। उन्होंने पुरानी पाइप लाइनों को बदलने और 2028 तक हर कॉलोनी में सीवर लाइन...

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को झंडेवालान स्थित जल बोर्ड मुख्यालय का दौरा किया। यहां उन्होंने जल बोर्ड में टैंकर प्रबंधन, शिकायत निवारण प्रणाली और डिजिटल निगरानी व्यवस्था की जानकारी ली। मुख्यालय पर ही जलापूर्ति प्रबंधन और यमुना सफाई से संबंधित कार्ययोजना पर बैठक भी की। बैठक में जल मंत्री प्रवेश वर्मा के अलावा विभागों के प्रधान सचिव भी मौजूद रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जलापूर्ति सबसे बड़ी चुनौती है। इससे निपटने के लिए हमने चरणबद्ध तरीके से पुरानी होनी चुकी पानी की पाइप लाइन को बदलने और वर्ष 2028 तक दिल्ली की हर अनाधिकृत कॉलोनी में सीवर लाइन बिछाने का लक्ष्य रखा है।
सीएम ने कहा, दिल्ली में बेहतर जलापूर्ति, सीवर व्यवस्था को दुरुस्त करना और यमुना सफाई तीनों विषय एक-दूसरे से जुड़े हैं। इन्हीं मुद्दों के समाधान को लेकर दिल्ली जल बोर्ड मुख्यालय में बैठक कर आगे की कार्ययोजना बनाई गई है। उन्होंने बताया कि इस समीक्षा में टैंकर जलापूर्ति के लिए लागू की गई जीपीएस आधारित प्रणाली को विस्तार से समझा गया। साथ ही, यह भी देखा गया कि कमांड एंड कंट्रोल सेंटर किस प्रकार से पूरे शहर में टैंकरों की वास्तविक समय में आवाजाही पर नजर रख रहा है। स्काडा सिस्टम के माध्यम से पूरे दिल्ली में जलापूर्ति की स्थिति की भी समीक्षा की गई। यह देखा गया कि कहा पानी ठीक पहुंच रहा है और कहा ठीक करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि दिल्ली के कई क्षेत्रों में आज भी सालों पुरानी जल और सीवर लाइनें उपयोग में हैं। तेजी से बढ़ती आबादी और पानी की बढ़ती मांग के बीच, इन पुरानी और जर्जर हो चुकी व्यवस्थाओं को बदलने की जरुरत है। एसटीपी की थर्ड पार्टी ऑडिट के निर्देश समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने एसटीपी की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता अनिवार्य करने के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) की कार्यप्रणाली की सटीक रिपोर्ट प्रस्तुत करने और उसकी थर्ड पार्टी ऑडिट कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एसटीपी की गुणवत्ता और कार्यकुशलता पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि हर कॉलोनी को सीवर नेटवर्क से जोड़ा जाए और हर घर को नल के माध्यम से स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी। सभी घरों को सीवर से जोड़ा जाए ताकि स्थानीय स्तर पर सीवर ट्रीटमेंट के जरिए उस पानी को साफ किया जा सके। 18 महीने में तैयार करेंगे विकेंन्द्रित एसटीपी बैठक में सीएम ने यमुना की सफाई के लिए एक चरणबद्ध कार्य योजना के क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा की। जिसमें नालों के पानी का शोधन, सीवरेज नेटवर्क के विस्तार, आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की स्थापना जैसे कार्य शामिल हैं। सरकार ने 27 डी-सेंट्रलाइज्ड एसटीपी के निर्माण में तेजी लाने का निर्देश दिया है। इस योजना के लिए सरकार ने पहले ही 3,140 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सीएम ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कोई भी गंदा पानी बिना शोधन के यमुना में न गिरे। ये सभी एसटीपी निविदा जारी होने के बाद 18 महीने में तैयार कर लिए जाएंगे।
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