डीएसजीएमसी को मिलने वाला किराया शिक्षकों को दें : कोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूल के शिक्षकों को वेतन और एरियर न मिलने के मामले में डीएसजीएमसी के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने शिक्षकों के बकाया के भुगतान के लिए डीएसजीएमसी की...

नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूल (जीएचपीएस) के शिक्षकों को वेतन, एरियर और सेवानिवृत्ति लाभ नहीं मिलने के मामले में हाईकोर्ट ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने शिक्षकों की आर्थिक समस्याओं को गंभीर मानते हुए हरियाणा के बीघर में 292 एकड़ और शाहदरा में 15 एकड़ भूमि समेत डीएसजीएमसी की दो प्रमुख संपत्तियों की बिक्री, पट्टे या हस्तांतरण पर रोक लगा दी है। कोर्ट के निर्देशानुसार, जीएचपीएस और डीएसजीएमसी की सभी संपत्तियों से प्राप्त किराए की आय अब सिर्फ शिक्षकों के बकाया वेतन और भत्तों की अदायगी में ही इस्तेमाल की जाएगी।
जब तक शिक्षकों को उनका पूरा बकाया नहीं मिल जाता, तब तक डीएसजीएमसी और जीएचपीएस सोसायटी के पदाधिकारियों के वेतन और भत्ते भी रोक दिए जाएंगे। शिक्षकों के आर्थिक अधिकारों को हो रहा हनन कोर्ट ने कहा कि सातवें वेतन आयोग के अनुसार उन्हें 54 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलना चाहिए, लेकिन शिक्षकों को केवल दो फीसदी भत्ता दिया जा रहा है। यह उनके आर्थिक अधिकारों का हनन है। सभी स्कूलों को संपत्तियों को बेचकर भुगतान की योजना प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है। एक सप्ताह में मांगा संपत्तियों का ब्योरा फॉरेंसिक ऑडिट में पाया गया कि जीएचपीएस सोसाइटी ने अपनी संपत्तियों का ब्योरा दे दिया है। वहीं, डीएसजीएमसी को एक सप्ताह के भीतर अपनी सारी संपत्तियों की जानकारी कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया है। संपत्तियों का मूल्यांकन कर सात सितंबर तक रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।
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