खेल : निडर होकर क्रिकेट खेलें : धौनी
आईपीएल डायरी लखनऊ, एजेंसी। महेंद्र सिंह धौनी ने चेन्नई के चेपक मैदान के

आईपीएल डायरी लखनऊ, एजेंसी। महेंद्र सिंह धौनी ने चेन्नई के चेपक मैदान के क्यूरेटर से बेहतर पिच तैयार करने का आग्रह किया है। इससे उनके बल्लेबाजों को यहां की तरह अपने शॉट खेलने का आत्मविश्वास मिल सके। वह चाहते हैं कि उनकी टीम चेन्नई सुपर किंग्स निर्भीक क्रिकेट खेले। धौनी की 11 गेंदों में 26 रन की पारी से चेन्नई ने सोमवार को लखनऊ को पांच विकेट से हराया।
छह साल में पहली बार प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए धौनी ने कहा, एक कारण यह हो सकता है कि चेन्नई का विकेट थोड़ा धीमा है। जब हम घरेलू मैदान से बाहर खेले हैं, तो हमारे बल्लेबाजों ने थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया है। शायद हमें ऐसे विकेट पर खेलने की जरूरत है जो थोड़े बेहतर हों। इससे बल्लेबाजों को अपने शॉट खेलने का आत्मविश्वास मिलेगा। हम निर्भीक होकर खेलना चाहते हैं।
धौनी ने स्वीकार किया कि उनके बल्लेबाजों को अपनी भूमिका और जिम्मेदारियां बेहतर ढंग से निभाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, जीतकर अच्छा लग रहा है। बदकिस्मती से हम पिछले मैच नहीं जीत सके लेकिन इस जीत से आत्मविश्वास बढ़ा है। यह कठिन मैच था और जीतने की खुशी है। उम्मीद है कि इससे टीम की लय बनेगी। पिछले मैचों में हम गेंदबाजी करते समय पहले छह ओवर में जूझ रहे थे लेकिन बीच के ओवरों में वापसी की। हमें बल्लेबाजी ईकाई के तौर पर भी मनचाही शुरुआत नहीं मिल पा रही थी। शायद चेन्नई की विकेट के कारण। उम्मीद है कि बेहतर विकेटों पर हम आगे बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा, हमें पहले छह ओवर में अधिक गेंदबाजों की जरूरत थी जिससे अश्विन पर दो ओवर डालने का काफी दबाव बन रहा था। यही वजह है कि हमने गेंदबाजी में बदलाव किए। बल्लेबाजी ईकाई का प्रदर्शन भी अच्छा रहा लेकिन और बेहतर हो सकता है। बल्लेबाजों को अपनी भूमिका और जिम्मेदारी और बेहतर तरीके से निभानी होगी।
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बिश्नोई ने कप्तान पंत का बचाव किया
लखनऊ। लखनऊ के स्पिनर रवि बिश्नोई इस बात को लेकर निश्चित नहीं हैं कि अच्छे स्पैल के बावजूद उन्हें चेन्नई के खिलाफ डेथ ओवर में गेंदबाजी करने का मौका क्यों नहीं मिला। हालांकि उन्होंने कप्तान ऋषभ पंत के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उनके दिमाग में कुछ खास योजनाएं थीं।
चेन्नई को 30 गेंद पर 56 रन की जरूरत थी। धौनी और दुबे क्रीज पर रहे थे। तब पंत ने स्पिनर की बजाय तेज गेंदबाजों से गेंदबाजी करवाने का विकल्प चुना। उनका यह दाव नहीं चला और दोनों ने टीम को जीत दिला दी। बिश्नोई ने मैच के बाद कहा, मेरी वास्तव में इसको लेकर उनसे (पंत) कोई बात नहीं हुई। मैं दो बार विकेट पर आया लेकिन शायद उनके दिमाग में कुछ और योजनाएं थी। शायद उनका नजरिया कुछ और था। एक कप्तान परिस्थितियों का बेहतर आकलन कर सकता है। विकेट के पीछे खड़े होने के कारण वह चीजों को अच्छी तरह से समझ सकता है। इसलिए मेरा मानना है कि उन्होंने वही फैसला किया जो उन्हें बेहतर लगा। मेरा चौथा ओवर करवाने को लेकर उनसे कोई बात नहीं हुई। उनका नजरिया स्पष्ट था कि वह क्या करना चाहते हैं। इस तरह की तनावपूर्ण स्थितियों में यही बेहतर होता है कि कप्तान अपनी सोच के साथ आगे बढ़े ताकि वह बेहतर फैसला कर सके।
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