ED Raids Builders in 12 000 Crore Fraud Case JP Associates and Others Under Investigation ब्यूरो--- 12 हजार करोड़ की धोखाधड़ी में ईडी की छापेमारी, Delhi Hindi News - Hindustan
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ब्यूरो--- 12 हजार करोड़ की धोखाधड़ी में ईडी की छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय ने 12,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में बिल्डरों के खिलाफ छापे मारे। जांच एजेंसी को महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं, जो मनी लांड्रिंग में लिप्तता को...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 23 May 2025 08:53 PM
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ब्यूरो--- 12 हजार करोड़ की धोखाधड़ी में ईडी की छापेमारी

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 12 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में शुक्रवार को बिल्डरों के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में छापा मारा। बताया जा रहा है कि जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड, जेपी इंफ्राटेक और अन्य कंपनियों व संस्थाओं के ठिकाने पर कार्रवाई की जा रही है। कुल 15 परिसरों पर तलाशी जारी है। इनमें नोएडा में तीन बिल्डरों के ठिकाने भी शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि अभी तक की कार्रवाई का बाद जांच एजेंसी को काफी अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं, जिनसे साबित होता है कि संबंधित कंपनियां मनी लांड्रिंग में लिप्त हैं। इनमें फाइलों के साथ ऑफिस व अन्य ठिकानों पर कंप्यूटर से भी काफी रिकॉर्ड मिला है।

निवेशकों के अतिरिक्त कुछ अन्य लोगों द्वारा पैसा लगाए जाने संबंधी भी संदिग्ध कागजात मिले हैं, जिसके आगे जांच की जाएगी। तलाशी जेपी एसोसिएट्स और उससे संबद्ध संस्थाओं के ठिकानों पर की जा रही है, जिनमें गौरसंस, गुलशन, महागुन और सुरक्षा रियलिटी शामिल है। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई हजारों होम बायर्स को सबवेंशन स्कीम के नाम पर कथित रूप से फ्लैट बेचे जाने के मामले से जुड़ी है। बिल्डरों ने खरीदारों को फंसाया सबवेंशन स्कीम के जरिए बिल्डर द्वारा खरीदार से 10 फीसदी या एक निश्चित रकम लेकर फ्लैट बुक किया जाता है, जिसमें खरीदार को बिल्डर की तरफ से भरोसा दिया जाता है कि कब्जा मिलने तक आपको कोई धनराशि नहीं देनी है। हालांकि बिल्डर बुकिंग के समय ही खरीदार के नाम पर बैंक से होम लोन करा लेता है लेकिन कब्जे में देरी होने या आर्थिक तंगी के चलते बिल्डर बाद में ईएमआई भरना बंद कर देता है। अब चुंकि होम लोन खरीदार के नाम पर जारी हुआ था, तो ऐसी स्थिति में बैंक ईएमआई के लिए खरीदार को परेशान करना शुरू कर देता है। ऐसे में खरीदार को घर तो मिलता नहीं, ईएमआई का बोझ बढ़ जाता है, जबकि बिल्डर फ्लैट की बुकिंग के समय ही खरीदार से तय रकम और बैंक से जारी ऋण के माध्यम से पूरा पैसा निकाल लेता है। नोएडा और एनसीआर में काफी बिल्डरों ने इस योजना के जरिए खरीदारों को नुकसान पहुंचाया है। बीते कुछ वर्षों में इस योजना के जरिए बिल्डरों ने बड़ी संख्या में फ्लैट बेचे हैं।

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