बिजली की खपत अप्रैल में 2.2 प्रतिशत बढ़कर 147.48 अरब यूनिट पर
-इस साल बिजली की अधिकतम मांग 277 गीगावाट तक पहुंचने का आशंका नयी दिल्ली,

देश में इस साल अप्रैल महीने में बिजली की खपत में 2.2 प्रतिशत इजाफा देखने को मिला जिसके बाद अप्रैल में 147.48 अरब यूनिट की खपत दर्ज की गई। यह बीते साल इसी महीने की बिजली खपत से करीब तीन युनिट अधिक है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार बिजली की अधिकतम मांग मई 2024 में अब तक के उच्चतम स्तर 250 गीगावाट पर पहुंच गयी थी। इससे पहले सितंबर 2023 में 243.27 गीगावाट की अधिकतम मांग दर्ज की गयी थी। सरकारी अनुमान के अनुसार वर्ष 2025 की गर्मियों में बिजली की अधिकतम मांग 277 गीगावाट पर पहुंचने का अनुमान है। विशेषज्ञों का कहना है कि मई में बिजली की मांग और खपत बढ़ने की संभावना है।
इस कारण यह माह सामान्य से अधिक गर्म रह सकता है। वहीं यदि इस साल अप्रैल में बिजली की खपत की बात की जाए तो उसमें भी 2.2 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है। आंकड़ों के मुताबिक बीते साल जहां अप्रैल के महीने में 144.28 अरब यूनिट बिजली की खपत हुई थी वहीं इस साल यह आंकड़ा 147.48 अरब युनिट पर पहुंच गया है। इतना ही नहीं एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति (बिजली की अधिकतम मांग को पूरा करने के लिए) भी पिछले महीने बढ़कर 235.19 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) हो गई, जो अप्रैल 2024 में 224.05 गीगावाट थी। मौसम विभाग ने भारत में अप्रैल से जून तक सामान्य से अधिक तापमान रहने की आशंका जताई है। विभाग के अनुसार मध्य और पूर्वी भारत और उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में लू चलने वाले दिनों की संख्या में भी इजाफा होगा। साथ ही उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व में कुछ स्थानों को छोड़कर, देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। पिछले साल की तुलना में इस साल गर्मी जल्दी आई है। वर्ष 2024 में पांच अप्रैल को ओडिशा में लू चलने का पहला मामला आया था, लेकिन कोंकण और तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों में इस साल 27-28 फरवरी की शुरुआत में ही गर्म हवाएं चलनी शुरु हो गयी थीं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार गर्म दिनों में इजाफा होने के चलते बिजली की मांग में नौ से 10 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है।
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