पेंटिंग: ध्यान खींच रहे हैं खामोशी से उपजे चित्र
नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता कलाकार के मन के आरोह अवरोह जब तूलिका के

नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता कलाकार के मन के आरोह अवरोह जब तूलिका के माध्यम से कैनवस पर उतरते हैं तो वह चित्र सीधे दर्शकों के मन तक उतरते हैं। इन दिनों राजधानी के आल इंडिया फाइन आर्ट एंड क्राफ्ट में चल रही कलाकार कास्वी जैन की प्रदर्शनी व्हीस्पर्स ऑफ द हर्ट दर्शकों का ध्यान खींच रही है। यह प्रदर्शनी यहां की कला दीर्घा में 29 मई तक चलेगी। कास्वी की पेंटिंग्स भावनाओं से भरी हुई हैं। उन्होंने बताया कि पेंटिंग का शौक मुझे बचपन से है लेकिन कोरोना काल में जब मेरा आत्मविश्वास कमजोर हुआ तब मैंने ब्रश उठाया और यहां प्रदर्शित चित्रों में से कई चित्रों को बनाया।
डीयू के जीजस एंड मेरी कॉलेज से स्नातक करने के बाद उन्होंने टेक्टाइल डिजाइन में परास्नातक की पढ़ाई की है। कास्वी का कहना है कि हमारे अंदर कहानियां होती हैं जो कभी आवाज नहीं बन पातीं। भावनाएं इतनी कोमल, इतनी नाज़ुक होती हैं कि लगभग गायब सी हो जाती हैं, चुप्पी में खो जाती हैं। लेकिन यदि आप ध्यान से सुनें, तो वह खामोशी आपको सुनाई देती है। यह प्रदर्शनी उसी चुप्पी से जन्मी है। उन शांत फुसफुसाहटों से जो दिल के भीतर गहराई में रहती हैं। मेरे लिए, जीवन हमेशा उस संतुलन जैसा रहा है जो दिखने वाले और अदृश्य के बीच होता है। एक शरीर जो हमेशा आसानी से नहीं चलता, एक दुनिया जो ताकत की उम्मीद करती है, और फिर भी मेरे भीतर, एक भावनाओं की नदी बहती है, जो व्यक्त होने की प्रतीक्षा कर रही है। यह वही कहानी है जिसे मैंने अपनी कला के माध्यम से बताया है।
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