India Increases Dam Heights on Indus Chenab Jhelum Rivers to Control Water Flow पानी के मोर्चे पर भारत करेगा पाकिस्तान को बदहाल, Delhi Hindi News - Hindustan
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पानी के मोर्चे पर भारत करेगा पाकिस्तान को बदहाल

-पाकिस्तान को बिना सूचना दिए पानी रोकना और छोड़ना शुरू -सिंधु, चेनाब और झेलम पर

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 5 May 2025 10:16 PM
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पानी के मोर्चे पर भारत करेगा पाकिस्तान को बदहाल

नोट--हेडिंग में बदलाव करते हुए -सिंधु, चेनाब और झेलम पर बांधों की ऊंचाई व जल संग्रहण क्षमता बढ़ेगी -पानी रोकने के साथ उसे डायवर्ट करने की भी क्षमता बढ़ाई जाएगी रामनारायण श्रीवास्तव नईदिल्ली। आतंकवाद को पालने-पोसने वाले पाकिस्तान पर भारत का जल प्रहार भारी पड़ने लगा है। सिंधु जल समझौता को स्थगित करने के बाद भारत अब अपनी मर्जी से सिंधु, चेनाब व झेलम जैसी नदियों का पानी रोक रहा है और छोड़ रहा है। इससे पाकिस्तान में अचानक बाढ़ और पानी की कमी के हालात बन रहे हैं। साथ ही उसका कृषि और बिजली उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

दूसरी ओर, भारत ने इन नदियों पर अपने बांधों की उंचाई बढ़ाने, जल संग्रहण क्षमता का विस्तार करने व पानी को नहरों के माध्यम से व्यापक उपयोग पर काम शुरू कर दिया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल समझौता स्थगित कर दिया था। इसका असर अब साफ दिखाई देने लगा है। सिंधु जल समझौते के तहत पश्चिमी प्रवाह वाली तीन नदियों सिंधु, चेनाब व झेलम का पानी पाकिस्तान को रोका जाएगा। इन तीनों नदियों का 90 फीसदी से ज्यादा पानी पाकिस्तान उपयोग करता है। समझौते के स्थगित होने के बाद अब भारत ने पाकिस्तान जाने वाले पानी को नियंत्रित करना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान में कभी बाढ़ तो कभी सूखा भारत ने 23 अप्रैल को समझौता रद्द करने के बाद चेनाब का पानी एक बार ज्यादा छोड़ा तो दो बार उसे रोका। इससे पाकिस्तान में एक बार बाढ़ के हालात तो दो बार जल संकट बढ़ा है। बीते दो दिनों में भारत ने चेनाब पर बगलिहार और सलाल बांध से पानी पूरी तरह से रोक कर पाकिस्तान के लिए बड़ा संकट खड़ा किया है। आने वाले दिनों में इससे पाकिस्तान के बड़े क्षेत्र में खेती, पेयजल व बिजली उत्पादन पर व्यापक असर पड़ेगा। इसके पहले जब कश्मीर व लद्दाख के उपरी हिस्सों में पानी ज्यादा बरसा था, तब बगलिहार से पानी छोड़ा गया था। इस कारण पाकिस्तान में बाढ़ आ गई थी। बांध की ऊंचाई बढ़ाई जा रही चेनाब या किसी अन्य नदी का पानी लंबे समय तक नहीं रोका जा सकता है। बगलिहार बांध को भरने में तीन दिन का समय लगता है। इसके बाद पानी को छोड़ना पड़ता है। अन्य बांधों पर भी यही स्थिति है। हालांकि, अब बगलिहार बांध की उंचाई बढ़ाई जा रही है। पूर्व में इस बांध को लेकर पाकिस्तान की शिकायत पर विश्व बैंक ने केवल डेढ़ मीटर उंचाई बढ़ाने पर सहमति बनवाई थी। अब समझौता स्थगित होने के बाद भारत इसे अपने हिसाब से बढ़ाएगा और जब चाहे पानी छोड़ेगा और रोकेगा। एक बड़ी नहर बनाने पर विचार झेलम नदी पर किशनगंगा बांध पर भी पानी रोका जाएगा। बगलिहार व किशनगंगा पर बांधों को नया आकार देकर भारत इनका पानी खुद ज्यादा उपयोग करेगा। अखनूर से भी एक बड़ी नहर बनाने पर विचार किया जा रहा है, जिससे जम्मू क्षेत्र में पानी की कमी को पूरा किया जा सके। साथ ही पुरानी प्रताप नहर को भी आधुनिक किया जाएगा। इसके अलावा वुलर झील को भी पुनर्जीवित किया जाएगा। जल विद्युत उत्पादन पर जोर जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में भारत इन नदियों से दस हजार मेगावाट जल विद्युत उत्पादन की संभावना तलाश रहा है। इसका ब्लू प्रिंट भी तैयार है। इनमें सावलकोट परियोजना से 1856 मेगावाट, रामबन-उधमपुर पाकलदुल से 1000 मेगावाट, रतले से 850 मेगावाट, बर्सर से 800 मेगावाट, किरू से 624 मेगावाट, किथाई एक व दो से 1320 मेगावाट शामिल हैं। क्या कहते हैं विशेषज्ञ? विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की जल व्यवस्था पूरी तरह से भारत से आने वाली नदियों पर आधारित है। भारत से बिना सूचना दिए व बिना नियंत्रण किए पानी रोके जाने व छोड़े जाने पर पाकिस्तान की 90 फीसदी खेती बर्बाद हो जाएगी और बिजली उत्पादन व पेयजल का गंभीर संकट खड़ा होगा। इस स्थिति से निपटने के लिए पाकिस्तान को अपने यहां जल संग्रहण क्षमता बनाने में काफी लंबा समय व धन लगाना होगा, जो फिलहाल संभव नहीं है। उसके लिए भारत से समझौता करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा।

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