ऋणदाताओं की सख्ती से तीसरी तिमाही में कर्ज कम उठा
वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में भारतीयों ने कम उधार लिया। ऋणदाताओं की सतर्कता के कारण उपभोक्ता ऋणों में गिरावट आई। आवास ऋण में मामूली वृद्धि हुई, लेकिन व्यक्तिगत और टिकाऊ उपभोक्ता ऋणों में कमी...

मुंबई, एजेंसी। ऋणदाताओं के सावधानी बरतने से वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी (अक्टूबर-दिसंबर) तिमाही में भारतीय कम उधार ले पाए। तीसरी तिमाही में आमतौर पर कई त्योहार आते हैं जिस दौरान लोग अक्सर अधिक उधार लेते हैं। क्रेडिट सूचना कंपनी क्रिफ हाई मार्क के चेयरमैन सचिन सेठ ने कहा कि अगर वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में उपभोक्ता ऋणों का विश्लेषण किया जाए तो जिम्मेदारी और सतर्क रूप से कर्ज देने के रुझान स्पष्ट नजर आते हैं। पिछली कुछ तिमाहियों से खपत को लेकर चिंताएं कायम हैं, जिसमें शहरी खपत वृद्धि में गिरावट और 2023-24 में कुल खपत वृद्धि चार प्रतिशत रही है।
रिपोर्ट में कहा गया कि ऋण के सबसे बड़े खंडों में से एक आवास ऋण में मूल्य के लिहाज से 0.1 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई, जबकि मात्रा के लिहाज से सात प्रतिशत की गिरावट आई। इसके मुताबिक व्यक्तिगत ऋण की मात्रा में 6.7 प्रतिशत की गिरावट आई और उपभोक्ता टिकाऊ ऋणों में 1.9 प्रतिशत की गिरावट हुई। इसी तरह कार और दोपहिया वाहनों के ऋणों में भी धीमी वृद्धि दर्ज की गई। ऐसा कम नकदी, बढ़ते घरेलू ऋण और सख्त विनियामक मानदंडों के कारण हुआ।
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