उद्यमियों और निर्यातकों के साथ बैठक कर सही स्थिति का आकल कर रही सरकार
भारत सरकार ने निर्यातकों को आश्वासन दिया है कि उनके हितों का ध्यान रखा जाएगा। अमेरिकी टैरिफ के कारण निर्यातकों को हो रहे नुकसान का आकलन करने के लिए बैठकें हो रही हैं। व्यापार मंत्री ने कहा कि सरकार...

- निर्यातकों से कहा गया कि सरकार उनके हितों का रखेगी ख्याल, द्विपक्षीय समझौतों की दिशा में सरकार तेजी से कर रही काम नई दिल्ली। विशेष संवाददाता
अमेरिकी टैरिफ के बीच भारत में उद्यमियों और निर्यातकों को हो रहे नुकसान का आकलन करने के लिए सरकार के स्तर से बैठकों का दौरा शुरू हो गया है। अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों और व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों को बुलाया जा रहा है। उनसे जमीनी स्तर पर हो रहे नुकसान के बारे में जानकारी एकत्र की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में भी बैठकें होनी है।
पहले दौर की बैठक निर्यातकों के साथ हो चुकी है, जिसमें निर्यातकों ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के सामने सारे मुद्दे को रखा। निर्यातकों और उद्यमियों ने कहा कि बीते काफी समय से निर्यात में कठनाई हो रही है। पहले लाल सागर संकट, खाड़ी क्षेत्र में फैल रहे इजराइल-हमास संघर्ष, रूस-यूक्रेन संघर्ष के चलते निर्यात पर असर पड़ा। अब अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे टैरिफ के चलते भी कारोबार प्रभावित होगा। निर्यातकों ने कई तरह के छूट दिए जाने की मांग रखी है। उनकी सभी तरह की मांगों को वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों ने लिखा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने निर्यातकों को आश्वासन दिया कि सरकार उन्हें वैश्विक व्यापार वातावरण में हाल के बदलावों के बीच अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए काम करेगी। सरकार सक्रिय तरीके से काम कर रहाी है और ऐसे समाधान तलाशे जा रहें है जो राष्ट्र के हित में हों। निर्यातकों को पारस्परिक रूप से लाभकारी बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर काम कर रही है और सही संतुलन तलाश रही है। ध्यान रहे कि सरकार टैरिफ से होने वाले नुकसान और सही स्थिति का पता लगाने के लिए निर्यातकों के साथ ही अलग-अलग क्षेत्र से आने वाले प्रतिनिधियों के साथ बात करेगी। उसके बाद कारोबार से जुड़े फैसले लेंगे। सूत्रों का कहना है कि सरकार उद्योग जगत को राहत देने के लिए कोई बड़ा ऐलान भी कर सकती है लेकिन उससे पहले स्थिति का सही आकलन कर लेना चाहती है।
-----------
फ्रिज, मोबाइल और टीवी जैसे उत्पाद हो सकते हैं सस्ते
टैरिफ संकट के बीच चीन की कंपनियों द्वारा विशेष छूट दी जा रही है। खास तौर पर चीन की इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे बनाने वाली कंपनियों द्वारा पांच से सात प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है, जिसका असर आने वाले दिनों में कीमतों पर देखने को मिल सकता है। इससे फ्रिज, स्मार्टफोन, टीवी समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स के सामना सस्ते हो सकते हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि मांग को बढ़ावा देने के लिए भारतीय कंपनियां छूट का लाभ ग्राहकों को दे सकती है।
------------
सस्ते आयात पर सरकार की नजर
भारत सरकार सस्ते चीनी सामानों के आयात को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की तैयारी में है। एक सीमा तक सरकार कीमतों में कमी को स्वीकार करेंगी लेकिन उसके बाद सरकार सामान की डंपिंग को रोकने के लिए शुल्क लगा सकती है। अमेरिका द्वारा द्वारा चीन पर भारी टैरिफ लगाए जाने के बाद भारत अपने बाजार को संरक्षित करने की योजना बना रहा है। अधिकारियों का कहना है कि सस्ते चीनी उत्पादों की बाढ़ से घरेलू उद्योगों को नुकसान हो सकता है, जिसके चलते नीति निर्माता न्यूनतम आयात मूल्य, सुरक्षात्मक शुल्क और अन्य उपायों पर विचार कर रहे हैं। उन बाजारों और वस्तुओं की पहचान की जा रही है जिन्हें संरक्षण की जरूरत है। दरअसल अमेरिकी टैरिफ के कारण चीनी उत्पादकों को नए बाजारों की तलाश है। ऐसे में भारत उनके लिए बड़ा बाजार हो सकता है। इसलिए भारत में आ रही वस्तुओं पर नजर रखी जा रही है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।