ब्यूरो-- पहलगाम:: भारत-पाकिस्तान तनाव के मद्देनजर मिलिट्री ट्रेन तैयार
- अलोकप्रिय यात्री ट्रेनें रद होंगी, डीएफसी का होगा इस्तेमाल - सेना और रेलवे अधिकारियों

नई दिल्ली, अरविंद सिंह। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में तनातनी को देखते हुए भारतीय रेल हर आपात स्थिति से निपटने को तैयार है। इसके लिए मिलिट्री ट्रेन भी तैयार है। जम्मू-कश्मीर सहित देश के पूर्वी-पश्चिमी बार्डर तक तेज गति से पहुंचने के लिए मिलिट्री रेल तैनात हैं। जरूरत पड़ने पर अलोकप्रिय यात्री ट्रेन को रद्द किया जाएगा और मुख्य रेल लाइनों के अलावा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे सैनिकों, तोप-टैंक, रसद, दवाइयां, गोला-बारूद, सैन्य वाहन आदि को प्रभावित क्षेत्र तक पहुंचाया जा सकेगा। सूत्रों ने बताया कि गत दिवस रेल भवन में रेलवे बोर्ड एवं सेना के शीर्ष अधिकारियों के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक हुई है।
पहलगाम में आंतकवादी हमले के बाद बार्डर पार सैन्य कार्रवाई की तैयारियों के बीच सेना के लिए चलाई जाने वाली विशेष सैन्य ट्रेन के परिचालन के लिए चर्चा की गई। सेना ने हथियारों, टैंकों, तोपों, सैनिकों और अन्य सैन्य उपकरणों को समय पर बार्डर तक पहुंचाने के लिए रेलवे लाइनों को खाली रखने व मार्ग उपलब्ध कराने को कहा है। सूत्रों ने बताया कि देश की प्रमुख सेना की छावनियों एवं रक्षा उत्पादन इकाइयों से सामरिक बिन्दुओं तक के रेल मार्ग से केवल आवश्यक गाड़ियों को चलाने, अतिरक्ति या अलोकप्रिय ट्रेनों का रास्ता बदलने का फैसला किया है। जरूरत पड़ने पर गैर जरुरी ट्रेन का परिचालन बंद कर दिया जाएगा। इससे सेना की विशेष ट्रेन को चलाने के लिए रेल लाइनें खाली मिलेंगी। फ्रेट कॉरिडोर से भी संचालन सूत्रों ने बताया कि जरूरत पर पूर्वी व डीएफसी सैन्य रेल व सैन्य वाहनों तोपों के लिए विशेष मालगाड़ियों को चलाया जाएगा। रेलवे की यह तैयारी जम्मू-कश्मीर के अलावा गुजरात, राजस्थान, पंजाब, बंगलादेश से लगती पश्चिम बंगाल, असम सहित पूर्वोत्तर के बार्डर तक पहुंचने के लिए हैं। जिससे मिलिट्री रेलें व विशेष कंटेनर पूर्वोत्तर बार्डर तक तेजी से पहुंच सकेंगी। रेलवे की भूमिका अहम होगी युद्ध की आपात स्थिति में भारतीय रेल की अति महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। भारतीय रेल ईंधन, खाद्य सामग्री, दवाइयां और अन्य आवश्यक वस्तुओं को सैन्य ठिकानों और युद्ध प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाने में सक्षम है। रेलवे की माल ढुलाई क्षमता (33 लाख टन प्रतिदिन) इसे आपूर्ति श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाती है। नागरिकों की सुरक्षा में प्रयोग युद्ध के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों से नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर निकालने के लिए रेलवे का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, आपदा राहत सामग्री, जैसे कि भोजन, पानी, और चिकित्सा आपूर्ति, को प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाने में रेलवे की भूमिका होगी। रेलवे सामरिक रूप से अहम रेलवे स्टेशन और रेल लाइनें सामरिक रूप से महत्वपूर्ण होती हैं। युद्ध के दौरान इनका उपयोग सैन्य अड्डों के रूप में या अस्थायी कमांड सेंटर के रूप में किया जा सकता है। हालांकि, ये दुश्मन के लिए भी निशाना हो सकते हैं। युद्ध के दौरान अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए रेलवे कोयला, लौह अयस्क, और पेट्रोलियम जैसे कच्चे माल की ढुलाई सुनिश्चित करती है। --------
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