आपरेशन सिंदूर:: महिला अधिकारियों का जुनून देश की ताकत
भारतीय सेना के आपरेशन सिंदूर की दो महिला अधिकारियों की कहानी प्रेरणादायक है। विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पायलट बनने का सपना देखा और दुर्गम क्षेत्रों में उड़ान भरने का अनुभव हासिल किया। वहीं, कर्नल...

नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय सेना के आपरेशन सिंदूर की जानकारी साझा करने वाली दो महिला सैन्य अधिकारियों की कहानी पूरे भारत को प्रेरित करने वाली है। विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने अपनी जिद्द और जुनून से आसमान में उड़ान का फैसला किया था। वहीं कर्नल सोफिया कुरैशी ने देश सेवा की खातिर सेना को चुना और देश की आन-बान और शान को बरकरार रखने के लिए सदैव तत्पर रहती हैं। विंग कमांडर व्योमिका सिंह: दुर्गम क्षेत्रों में उड़ान का अनुभव विंग कमांडर व्योमिका सिंह जब वर्ष 1990 में छठी कक्षा में थीं। तब उनसे किसी ने बताया था कि आपके नाम का मतलब ‘आकाश का मालिक होता है।
इसी के बाद व्योमिका ने फैसला किया था कि वे एक दिन पायलट बनेंगी। सपने को साकार करने के लिए पूरी मेहनत से जुट गईं और भारतीय वायुसेना में उनका चयन हुआ। व्योमिका को 2500 घंटे उड़ान का अनुभव है। इन्हें दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्रें में हेलीकॉप्टर उड़ाने का अनुभव है। वर्ष 2020 में एक प्राकृतिक आपदा के बाद अरुणाचल प्रदेश में राहत और बचाव कार्य अभियान चलाकर कई लोगों की जान बचाई थी। व्योमिका के पति भी एयरफोर्स में पायलट हैं। चोटी फतह करने का अनुभव विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने राष्ट्रीय कैडेट कोर में शामिल होने के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। वर्ष 2019 में वायुसेना की फ्लाइंग शाखा में हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में कमीशन मिला। इन्होंने वर्ष 2021 में 21,650 फीट ऊंची माउंट मनीरांग चोटी फतह की थी। कर्नल सोफिया कुरैशी: मां चाहती थीं देश सेवा करूं कर्नल सोफिया कुरैशी सेना के सिगनल्स कॉर्प्स की अधिकारी हैं। इनकी मां चाहती थी कि दोनों बहनें सेना में जाकर देश की सेवा करें। सोफिया के पिता और दादी सेना में थीं। सोफिया ने एक कार्यक्रम में बताया था कि सेना में जाने के मकसद से मैंने आवेदन किया और मेरा चयन हो गया। उन्होंने बताया कि जब वे नेशनल डिफेंस एकेडमी में शामिल हुईं तब कारगिल युद्ध चल रहा था। इस दौरान मैंने जो देखा उससे यही सिखा की देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसके लिए मैंने हर तरह की परिस्थिति से गुजरने का फैसला किया। इनके पति ताजुद्दीन कुरैशी भी सेना में मेजर हैं। एक्सरसाइज फोर्स 18 का किया नेतृत्व कुरैशी बायोकेमिस्ट्री से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। 17 की उम्र में 1999 में शॉर्ट सर्विस कमीशन से सेना में शामिल हुईं। भारत की ओर से आयोजित सबसे बड़े विदेशी सैन्य अभ्यास ‘एक्सरसाइज फोर्स 18 प्रोग्राम का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। 2006 में कांगों में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में भी भाग ले चुकी हैं।
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