वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ पास हुआ प्रस्ताव
नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता जमीअत उलमा-ए-हिंद की कार्यकारी समिति की एक सभा मंगलवार

नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता जमीअत उलमा-ए-हिंद की कार्यकारी समिति की एक सभा मंगलवार को आईटीओ स्थित मदनी हॉल में हुई। इसमें वक्फ संशोधन अधिनियम 2025, उत्तराखंड में मदरसों के विरुद्ध सरकारी कार्रवाई, समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन और फिलिस्तीन में नरसंहार जैसे वर्तमान समय के ज्वलंत मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई और महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने कहा कि यह वक्फ संशोधन कानून देश के संवैधानिक ढांचे के खिलाफ है और भारत के संविधान के विरुद्ध है, जो बहुसंख्यकों का वर्चस्व स्थापित करने के लिए लाया गया है। यह सिर्फ कानूनी मुद्दा नहीं बल्कि न्याय और सिद्धांत का मामला है। हमने इस तरह के उत्पीड़न और अन्याय के खिलाफ पहले भी लड़ाई लड़ी है और हम भविष्य में भी लड़ेंगे। इस देश की बुनियाद जिन सिद्धांतों पर रखी गई थी, वह समानता, न्याय और स्वतंत्रता की गारंटी देते हैं। ऐसा महसूस होता है कि आज इन बुनियादों को हिलाने का प्रयास किया जा रहा है। मैं चाहता हूं कि मेरे यह शब्द न केवल सुने जाएं, बल्कि महसूस भी किए जाएं। यह मेरे समुदाय की पीड़ा और भावनाओं की अभिव्यक्ति है। उम्मीद है कि देश का नेतृत्व, मीडिया और आम जनता इस आवाज को सुनेंगे और इस पर गंभीरता से विचार करेंगे।
इस अवसर पर जमीअत उलमा-ए-हिंद की कार्यकारी समिति ने वक्फ अधिनियम के खिलाफ प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि यह अधिनियम भारतीय संविधान के कई अनुच्छेदों 14, 15, 21, 25, 26, 29 और 300-ए के विरुद्ध है। इसका सबसे नुकसानदायक पहलू 'वक्फ बाय यूजर' की समाप्ति है, जिससे ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। सरकारी रिपोर्टों के अनुसार, उनकी संख्या चार लाख से अधिक है। केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करना, धार्मिक मामलों में खुला हस्तक्षेप और अनुच्छेद 26 का स्पष्ट उल्लंघन है। यह कानून बहुसंख्यकों के वर्चस्व का प्रतीक है, जिसका हम कठोरता से विरोध करते हैं।
जमीअत उलमा-ए-हिंद की कार्यकारी समिति ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना करते करते हुए राज्य सरकारों द्वारा बुलडोजर की कार्रवाइयों पर गहरी चिंता व्यक्त की।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।