जाति जनगणना रिपोर्ट पर कर्नाटक सरकार नहीं ले पाई कोई फैसला
कर्नाटक में सामाजिक-आर्थिक एवं शिक्षा सर्वेक्षण रिपोर्ट पर चर्चा के लिए विशेष कैबिनेट बैठक बिना किसी निर्णय के समाप्त हुई। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से राय देने को कहा है। विभिन्न समुदायों ने सर्वेक्षण...

- अगली बैठक से पहले मंत्रियों से मांगी गई राय बेंगलुरु, एजेंसी।
कर्नाटक में गुरुवार को सामाजिक-आर्थिक एवं शिक्षा सर्वेक्षण रिपोर्ट (जाति जनगणना) पर चर्चा के लिए बुलाई गई विशेष कैबिनेट बैठक बिना किसी बड़े फैसले के समाप्त हो गई।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंत्रियों से अगली कैबिनेट बैठक से पहले लिखित या मौखिक रूप से अपनी राय देने को कहा है। मालूम हो कि राज्य के वोक्कालिगा और वीरशैव-लिंगायत समेत विभिन्न समुदायों ने इस सर्वेक्षण पर कड़ी आपत्ति जताई है। इसे खारिज करने के साथ एक नए सर्वेक्षण की मांग की है। समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर से भी इसके खिलाफ आवाजें उठ रही हैं। हालांकि, सभी वर्ग इसका विरोध नहीं कर रहे हैं। दलितों और ओबीसी का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता और संगठन इसके समर्थन में हैं। सूत्रों ने मुताबिक सरकार राज्य में अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण को मौजूदा 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 51 प्रतिशत करने की रिपोर्ट की सिफारिश को लेकर लाभ-नुकसान के आकलन में लगी है। इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि कर्नाटक में पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार इस रिपोर्ट पर मंत्रिमंडल में विचार-विमर्श करेगी और उचित निर्णय लेगी।
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