भारत और यूके के बीच व्यापार के खुलेंगे नए अवसर
भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से व्यापार के नए अवसर खुलेंगे। इससे इंजीनियरिंग सामान, ऑटो पार्ट्स, और खाद्य उत्पादों के निर्यात में वृद्धि होगी। भारतीय पेशेवरों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली...

- पेशेवरों के लिए खुलेंगे नए अवसर, भारतीय कंपनियां यूके से जुड़ी सरकारी कामों में लगा सकेंगी बोली - शैक्षिक सेवाओं, परिधान, जूते और जमे हुए झींगे जैसे खाद्य पदार्थों के लिए निर्यात का अवसर पैदा होने की संभावना नई दिल्ली। विशेष संवाददाता भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) दोनों पक्षों के लिए व्यापार के नए अवसर खोलेगा। भारत का माना है कि समझौते के अमल में आने से कुछ विशेष क्षेत्रों से जुड़े उत्पादों के निर्यात में बढ़ोतरी होगी। इससे बेहतर आपूर्ति श्रृंखला और उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियों के अवसर पैदा होंगे। भारत के लिहाज से निर्यात के मोर्चे पर नए क्षेत्र खुलेंगे, जिससे इंजीनियरिंग सामान, ऑटो पार्ट्स, इंजन और कार्बनिक रसायन जैसे उत्पादों का निर्यात तेजी से बढ़ेगा।
जानकार मानते हैं कि यूके में भारतीयों को उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे, लेकिन इसके साथ ही शैक्षिक सेवाओं, परिधान, जूते और जमे हुए झींगे जैसे खाद्य पदार्थों के लिए निर्यात के अवसर बढ़ेंगे। समझौता होने के बाद यूके के बाजार में नए उत्पादों की बिक्री को बल मिलेगा। इतना ही नहीं, कपड़ा, समुद्री उत्पाद, चमड़ा, जूते, खेल के सामान और खिलौने, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग सामान, ऑटो पार्ट्स, इंजन, और कार्बनिक रसायन सहित पर्याप्त कार्यबल की आवश्यकता वाले क्षेत्रों के लिए नए निर्यात संभावनाएं बढ़ेंगी। भारत द्वारा व्हिस्की, चिकित्सा उपकरणों, उन्नत मशीनरी और भेड़ के मांस सहित विभिन्न उत्पादों पर टैरिफ कम करने पर सहमति बनी है, जिससे व्यापार संबंधी बाधाएं समाप्त हो जाएंगी। हाल ही भारतीय स्टेट बैंक (सीबीआई) ने अपनी रिपोर्ट में भी कहा कि नए समझौते से भारत के लिए व्यापार के अवसर बढ़ेंगे। इससे ब्रिटेन को होने वाले निर्यात को लेकर भी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। भारत का यूके के साथ व्यापार लगातार बढ़ रहा है। वित्तीय वर्ष 2025 में आयात की तुलना में निर्यात में 6 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई। बीते वित्तीय वर्ष में विद्युत मशीनरी, मशीन और यांत्रिक उपकरणों के साथ, खनिज ईंधन, परमाणु रिएक्टर से जुड़े उपकरणों के निर्यात में खासी तेजी देखी गई। -------------- पेशेवरों को मिलेगी सुविधा समझौते के तहत भारतीय रसोइयों, संगीतकारों और योग से जुड़े शिक्षकों के लिए प्रति वर्ष 1800 वीजा की अनुमति होगी। हालांकि सूत्र बताते हैं कि यूके ने कार्बन टैक्स से कोई छूट नहीं दी है लेकिन इस पर बातचीत जारी है। समझौते में पर्यावरण संबंधी वस्तुओं के व्यापार को बढ़ावा देने का प्रावधान है। एसबीआई की रिपोर्ट कहती है कि वर्तमान में पर्यावरण संबंधी वस्तुओं का निर्यात भारत के कुल निर्यात का करीब 1.8 फीसदी है। ----- भारतीय कंपनियों के मिलेगा काम करने का मौका एफटीए से जुड़े प्रावधानों के तहत भारतीय कंपनियों को ब्रिटेन के बाजार में काम करने का अवसर मिलेगा। समझौता पूरा होने के बाद सेवा, निर्माण और हरित बुनियादी ढांचे से जुड़ी सरकारी खरीद में बोली लगाने का रास्ता खुलेगा। ध्यान रहे कि अभी समझौते से जुड़ी प्रक्रिया चल रही है। ब्रिटेन तीन महीने के अंदर अपनी संसद में प्रस्ताव पास करेगा। उसके बाद समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा।
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