Nitin Gadkari Calls for Transformative Changes in Agriculture to Become Energy Producers ‘अन्नदाता किसान अब ‘ऊर्जादाता बनेंगे: गडकरी, Delhi Hindi News - Hindustan
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‘अन्नदाता किसान अब ‘ऊर्जादाता बनेंगे: गडकरी

नोट-- पूर्व में जारी खबर ‘कृषि वृद्धि दर बढ़ने से युवाओं का पलायन रुकेगा: गडकरी

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 22 April 2025 09:42 PM
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‘अन्नदाता किसान अब ‘ऊर्जादाता बनेंगे: गडकरी

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कृषि क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलाव का आह्वान किया। उन्होंने किसानों से ‘अन्नदाता से ‘ऊर्जादाता बनने का आग्रह किया। विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित ‘पृथ्वी बचाओ सम्मेलन में गडकरी ने कहा, ‘22 लाख करोड़ रुपये के पेट्रोलियम आयात को रोकने के लिए किसानों को ‘अन्नदाता से ‘ऊर्जादाता बनना होगा। पर्यावरण की रक्षा और अर्थव्यवस्था को मजबूत करके हम अगले पांच वर्षों में ऊर्जा निर्यातक देश बन जाएंगे। मंत्री ने जैव ईंधन, इथेनॉल और हरित हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ‘कृषि अपशिष्ट और फसल अवशेष से इथेनॉल और अन्य हरित ईंधन का उत्पादन करके किसान न केवल अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकते हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकते हैं।

गडकरी ने कहा कि शहरी प्रवास ग्रामीण क्षेत्रों को विकास से वंचित कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘शहरों की ओर बढ़ते प्रवास के कारण ग्रामीण क्षेत्रों को अभाव का सामना करना पड़ रहा है। देश का सबसे बड़ा खर्च पेट्रोलियम आयात पर है, जो 22 लाख करोड़ रुपये है। इस खर्च को स्थायी रूप से रोका जाना चाहिए और मैं इसमें से 10 लाख करोड़ किसानों की जेब में डालना चाहता हूं। इससे कृषि का सकल घरेलू उत्पाद 23 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।

कृषि वृद्धि दर बढ़ने से युवाओं का पलायन रुकेगा

गडकरी ने कहा कि ग्रामीण युवाओं के पलायन को रोकने के लिए कृषि वृद्धि दर और क्रय शक्ति बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कृषि वृद्धि दर बढ़ने से ग्रामीण युवाओं को आजीविका के लिए दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों की ओर पलायन करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। गडकरी ने देश में बांस संसाधनों के अधिक उपयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा कि बांस रोजगार के अवसर पैदा कर सकता है। उन्होंने बताया कि ऊर्जा क्षेत्र में बांस के उपयोग से भारत को जीवाश्म ईंधन के आयात को कम करने में मदद मिलेगी।

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