प्लास्टिक के बर्तन-खिलौने दिल को कर रहे बीमार
- खतरनाक रसायन शरीर में पहुंचने से हृदय रोग बढ़ रहे नंबर गेम:::

नई दिल्ली। हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक की चीजें जैसे बर्तन और खिलौने अब केवल पर्यावरण ही नहीं, बल्कि दिल की सेहत के लिए भी खतरा बनती जा रही हैं। वर्ष 2018 में दुनियाभर में दिल की बीमारियों से हुई करीब 3.56 लाख मौतों का संबंध प्लास्टिक में इस्तेमाल होने वाले रसायन डाय-2-एथाइलहेक्सिल फ्थेलेट (डीईएचपी) से जुड़ा पाया गया है।
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी लैंगोन हेल्थ के एक शोध में यह दावा किया गया है। यह अध्ययन विज्ञान पत्रिका लांसेट ईबायोमेडिसिन में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन के मुताबिक, डीईएचपी एक प्रकार का रसायन है, जो प्लास्टिक को लचीला और टिकाऊ बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह रसायन खासतौर पर खाद्य कंटेनर, मेडिकल उपकरण, प्लास्टिक पाइप, कीटनाशक, डिटर्जेंट और कॉस्मेटिक्स में पाया जाता है। जब यह रसायन टूटकर सूक्ष्म कणों में बदलता है और शरीर में पहुंचता है, तो यह हृदय की धमनियों में सूजन बढ़ाता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा : अध्ययन की मुख्य लेखिका सारा हाइमन ने कहा, यह अध्ययन बताता है कि प्लास्टिक में इस्तेमाल होने वाले रसायन मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं। वहीं वरिष्ठ लेखक डॉ. लियोनार्डो ट्रासांडे ने कहा, प्लास्टिक रसायनों के बढ़ते उपयोग के चलते, खासकर विकासशील देशों में इनसे जुड़ी मौतें और बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं। अब समय है कि वैश्विक स्तर पर इन पर नियंत्रण के लिए सख्त नियम बनाए जाएं।
भारत में सबसे ज्यादा मौतें
रिपोर्ट के अनुसार, फ्थेलेट्स के कारण हुई कुल मौतों में से करीब 74 फीसदी मौतें मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया, पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में हुईं। भारत में सबसे अधिक 1,03,587 मौतें दर्ज की गईं, जिसके बाद चीन और इंडोनेशिया का स्थान रहा। अध्ययन में 55 से 64 वर्ष की आयु वर्ग के पुरुषों और महिलाओं पर फोकस किया गया था।
आर्थिक नुकसान भी हुआ
रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ 2018 में इस वजह से हुआ आर्थिक नुकसान 510 अरब डॉलर तक पहुंच गया। अनुमान के अनुसार यह नुकसान 3.74 लाख करोड़ डॉलर तक हो सकता है। - प्लास्टिक से बने बर्तन हों या बच्चों के खिलौने - इस एंगल से खबर की शुरुआत करो और हेडिंग निकालो
इन घरेलू वस्तुओं में डीईएचपी सबसे ज्यादा
-प्लास्टिक के खाने-पीने के डिब्बे और बोतलें
-माइक्रोवेव में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक कंटेनर
-बच्चों के सस्ते और नरम प्लास्टिक खिलौने
-अस्पतालों में इस्तेमाल होने वाले आईवी ट्यूब और ब्लड बैग
-परफ्यूम, नेल पॉलिश और हेयर स्प्रे जैसे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स
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