Scientists Discover Bacteria That Generate Electricity Promising Clean and Affordable Energy चलते-चलते : दावा : बैक्टीरिया बनेंगे स्वच्छ ऊर्जा के नए स्रोत, Delhi Hindi News - Hindustan
Hindi NewsNcr NewsDelhi NewsScientists Discover Bacteria That Generate Electricity Promising Clean and Affordable Energy

चलते-चलते : दावा : बैक्टीरिया बनेंगे स्वच्छ ऊर्जा के नए स्रोत

-बिजली बनाने वाले सूक्ष्मजीव बदल सकते हैं ऊर्जा जरूरतों का भविष्य नंबर गेम:::

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 2 May 2025 12:32 PM
share Share
Follow Us on
चलते-चलते : दावा : बैक्टीरिया बनेंगे स्वच्छ ऊर्जा के नए स्रोत

ह्यूस्टन, एजेंसी। अब बिजली सिर्फ कोयला, पानी या सूरज से नहीं, बल्कि बैक्टीरिया से भी बनाई जा सकती है। वैज्ञानिकों ने ऐसे विशेष बैक्टीरिया खोजे हैं, जो सांस लेने के बजाय बिजली उत्पन्न करते हैं। इससे भविष्य में स्वच्छ और किफायती बिजली उपलब्ध हो सकती है। अमेरिका की राइस यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर कैरोलिन एजो-फ्रैंकलिन के नेतृत्व में हुए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। यह खोज मशहूर वैज्ञानिक पत्रिका ‘सेल में प्रकाशित हुई है। कैरोलिन ने बताया, अक्सर हम सोचते हैं कि जीने के लिए ऑक्सीजन जरूरी है, लेकिन यह बैक्टीरिया बिना ऑक्सीजन के भी जी सकते हैं। ये अपने शरीर से इलेक्ट्रॉन छोड़ते हैं, जो बिजली की तरह काम करते हैं।

इस प्रक्रिया को वैज्ञानिक ‘एक्स्ट्रासेलुलर रेस्पिरेशन कहते हैं। बैटरी की तरह करते हैं काम : वैज्ञानिकों ने बताया कि ये बैक्टीरिया एक खास रसायन (नाफ्थोक्विनोन) का इस्तेमाल करते हैं, जो इलेक्ट्रॉन को शरीर से बाहर ले जाकर बिजली जैसा असर पैदा करता है। ये बैक्टीरिया 3.5 अरब वर्ष पुराने हैं और इन्हें गियोबैक्टर सल्फररेड्यूसेंस नाम दिया गया है। यह हो सकता है फायदा 1. सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा : इनकी मदद से भविष्य में बिना प्रदूषण के बिजली बनाई जा सकती है। इससे कोयला या पेट्रोल जैसे संसाधनों की जरूरत कम हो सकती है। 2. गंदे पानी की सफाई : बैक्टीरिया गंदे पानी में भी काम कर सकते हैं। ऐसे प्लांट बनाए जा सकते हैं जो पानी साफ करते हुए बिजली भी बनाएं। 3. नए मेडिकल सेंसर: बैक्टीरिया से ऐसे छोटे-छोटे उपकरण बनाए जा सकते हैं, जो शरीर के अंदर की स्थिति को माप सकते हैं। ऐसे अंगों की जांच आसान होगी, जहां ऑक्सीजन पहुंचना बंद हो जाती है। 4. अंतरिक्ष में भी मदद: जहां ऑक्सीजन नहीं होती वहां इन बैक्टीरिया से ऊर्जा बनाई जा सकती है, जिससे भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों को सहारा मिल सकता है। आसान और सस्ता तरीका राइस यूनिवर्सिटी के छात्र बिकि बापी कुंडू ने बताया, बैक्टीरिया का ये तरीका बहुत आसान है। ये अपने आप इलेक्ट्रॉन छोड़ते हैं, जिससे उन्हें जीने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ती। वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर और लैब टेस्ट से यह साबित भी किया कि ये बैक्टीरिया बिना ऑक्सीजन के भी जिंदा रहते हैं और बिजली पैदा करते रहते हैं, बस उन्हें एक कंडक्टर यानी बिजली पास करने वाली सतह चाहिए। पर्यावरण के रखवाले बनेंगे वैज्ञानिक मानते हैं कि इस खोज से हम नए तरह की मशीनें और प्लांट बना सकते हैं, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना काम करें। जैसे पौधे सूरज की रोशनी से खाना बनाते हैं, वैसे ही ये बैक्टीरिया बिजली से काम कर सकते हैं। यह तकनीक आने वाले समय में कार्बन डाइऑक्साइड को भी नियंत्रित कर सकती है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।