इस मुस्लिम देश में अंदर तक घुस गया इजरायल, राष्ट्रपति भवन के पास ही कर दिया हमला
इजरायल ने सीरिया में राजधानी दमिश्क के पास ही एयरस्ट्राइक कर दी। इजरायल ने सीरिया को द्रुज समुदाय को ना टारगेट करने की चेतावनी दी थी। हाल ही में सीरिया समर्थकों और द्रुज लड़ाकों के बीच झड़प हुई थी।

गाजा और यमन के बाद अब इजरायल ने सीरिया के अंदर भी घुसकर हमला कर दिया है। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार सुबह इजरायल ने सीरिया के राष्ट्रपति भवन के पास ही एयरस्ट्राइक कर दी। बताया गया कि इस बमबारी के बाद सीरिया की सरकार सकते में आ गई है। वहीं एयरस्ट्राइक में नुकसान की कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है। इससे पहले इजरायल ने सीरिया की सरकार को चेतावनी दी थी कि वह दक्षिण सीरिया के गांवों में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय को टारगेट ना करे।
हाल ही में दमिश्क के पास ही सीरिया समर्थक हिथियारबंदों और द्रुज लड़ाकों के बीच झड़प हुई थी। इस हिंसा में दर्जनों लोग मारे गए थे। इसको लेकर इजरायल द्रुज अल्पसंख्यकों के समर्थन में उतरा और उसने सीरिया की सरकार को चेतावनी दी। बाते दें कि द्रुज अरब समुदाय से ताल्लुक रखता है। इजरायल में लगभग 1 लाख 20 हजार द्रुज ललोग रहते हैं। लेबनान और सीरिया में इनकी संख्या सबसे ज्यादा है। दुनियाभर में द्रुज आबादी 10 लाख के करीब है।
इजरायल ने सीरिया के गोलन हाइट्स पर कब्जा कर लिया था। यहां बड़ी संख्या में द्रुज समुदाय रहता है। वाई-नेट ने प्रधानमंत्री के हवाले से कहा, "यह सीरियाई शासन के लिए एक स्पष्ट संकेत है। हम दमिश्क के दक्षिण में सेना की तैनाती और ड्रूज समुदाय के लिए किसी भी तरह के खतरे की अनुमति नहीं देंगे।"
सीरिया के गृह मंत्रालय ने बाद में बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि बुधवार रात से लेकर आज तक दमिश्क के निकट सीरियाई शहर साहनाया में सशस्त्र समूहों और ड्रूज आत्मरक्षा सेनानियों के बीच झड़पें हुईं, जहां मुख्य रूप से ड्रूज आबादी रहती है।
रिपोर्ट के अनुसार शहर के प्रवेश और निकास मार्गों को सील कर दिया गया है। अल-मामेल क्षेत्र से लेकर दारा राजमार्ग और तायारा चेकपॉइंट तक बद है, जिससे यह आस-पास के इलाकों से अलग -थलग हो गया है। युद्ध पर नज़र रखने वाली संस्था सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फ़ॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार जरामाना, अशरफ़ियात सहनाया और दमिश्क-सुवेदा राजमार्ग पर हाल ही में हुए सांप्रदायिक दंगों में मरने वालों की कुल संख्या 42 हो गई है। पीड़ितों में ड्रूज़ हथियारबंद और नागरिक, जनरल सिक्योरिटी डायरेक्टोरेट के सदस्य और सरकार समर्थक मिलिशिया शामिल हैं। हिंसा की शुरुआत एक ऑडियो रिकॉर्डिंग के प्रसार से हुई थी, जो कथित तौर पर एक ड्रूज़ व्यक्ति की थी, जिसकी टिप्पणियों को इस्लाम के लिए अपमानजनक माना गया था, जिससे सांप्रदायिक तनाव भड़क गया और दमिश्क के दक्षिण में कई शहरों में जवाबी हमले शुरू हो गए।