पाकिस्तानियों के निर्वासन में मानवीय पक्ष भी देखें : थरूर
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि पाकिस्तानियों के निर्वासन में सरकार को मानवीय पहलुओं पर विचार करना चाहिए। उन्होंने एक महिला की कहानी साझा की, जिसका बच्चा अन्य देश का नागरिक है। थरूर ने कहा कि सरकार...

तिरुवनंतपुरम, एजेंसी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तानियों के निर्वासन के दौरान सरकार को मानवीय पक्ष भी देखना चाहिए। तिरुवनंतपुरम में एक समारोह के बाद थरूर ने एक महिला की कहानी साझा की, जिसका दो सप्ताह का बच्चा किसी अन्य देश का नागरिक है। उन्होंने कहा, महिला को जाना पड़ेगा और बच्चे को यहीं रहना होगा। ऐसे मामलो को देखते हुए सरकार को मामला-दर-मामला आधार पर विचार करना चाहिए, क्योंकि इनसे जुड़ी कई मानवीय कहानियां हैं। कांग्रेस सांसद ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। पाकिस्तानियों का निर्वासन इसी के तहत किया जा रहा है।
थरूर ने कहा, आदर्श रूप से हमें मामले दर मामले के आधार पर निर्णय लेना चाहिए, परिस्थितियों को देखना चाहिए और छूट देनी चाहिए। केरल का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि यहां ऐसे लोग हैं जो 1940 और 1950 के दशक से रह रहे हैं। दुर्भाग्यवश उन्होंने कभी अपनी नागरिकता का दर्जा नहीं बदलवाया। इसलिए मेरा मानना है कि सरकार को इन मामलों के गुण-दोष के आधार पर गौर करना होगा और उचित निर्णय लेना होगा। लेकिन सरकार का रुख सरकार का रुख है और हमें इसका सम्मान करना होगा।
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