नीट-पीजी 2025: अखिल भारतीय कोटा के तीसरे चरण की नये सिरे से काउंसलिंग की मांग खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने NEET-PG 2024 के अखिल भारतीय कोटा के तीसरे चरण की काउंसलिंग दोबारा कराने की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि अगर हस्तक्षेप किया गया तो इससे सभी राज्यों में व्यापक प्रभाव पड़ेगा।...

नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) 2024 के अखिल भारतीय कोटा के तीसरे चरण की नए सिरे से काउंसलिंग कराने को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने यह आदेश तब पारित किया,ल जब राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के कहा गया कि यदि नये सिरे से काउंसलिंग या इसमें किसी भी तरह का बदलाव के लिए निर्देश दिए जाते हैं तो सभी राज्यों में व्यापक इसका प्रभाव पड़ेगा।
जस्टिस बीआर गवई और के. विनोद चंद्रन की पीठ के समक्ष एनएमसी के वकील ने कहा कि ‘यदि मामले में किसी भी तरह से हस्तक्षेप होता है तो इसका सभी राज्यों में व्यापक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि छात्र पहले ही काउंसलिंग में शामिल हो चुके हैं। आयोग ने कहा कि स्नातकोत्तर (पीजी) प्रवेश के लिए समय निर्धारित है। एनएमसी के पक्ष को सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि हम इस मामले में किसी भी तरह से हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं। जस्टिस गवई ने कहा कि ‘यह बहुत जटिल है... यदि हम इन 3 याचिकाकर्ताओं की मांग पर विचार करते हैं, तो हमारे पास और 30 आ जाएंगे। कुछ हताहत हुए हैं... यह केवल मध्य प्रदेश में एक समस्या थी, यह अन्य राज्यों में कोई समस्या नहीं थी।
शीर्ष अदालत ने इस मामले में 4 फरवरी को केंद्र सरकार और एनएमसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। पीठ ने उस याचिका पर जवाब मांगा था, जिसमें कहा गया था कि नीट-पीजी 2024 के दूसरे चरण की काउंसलिंग खत्म होने से पहले ही, अखिल भारतीय कोटे के लिए तीसरे चरण की काउंसलिंग शुरू कर दिया गया।
नीट पीजी 2024 में काउंसलिंग के लिए पात्र जोशी अंकित एवं अन्य की ओर से दाखिल याचिका में अखिल भारतीय कोटा के तीसरे चरण की काउंसलिंग नये सिरे से कराने की मांग करते हुए कहा गया था कि ‘कुछ राज्यों में दूसरे चरण की काउंसलिंग खत्म होने से पहले ही, अखिल भारतीय कोटा के तीसरे चरण की काउंसलिंग शुरू कर दिया गया था। याचिका में कहा गया था कि अखिल भारतीय कोटा और राज्य कोटे के लिए काउंसलिंग कार्यक्रम के तारीखों में टकराव के चलते बड़े पैमाने पर पात्र छात्र दाखिले से वंचित हो गए और इसकी वजह से राज्य कोटे के कई उम्मीदवार जो अखिल भारतीय कोटे के तहत दाखिले के लिए तीसरे चरण की काउंसलिंग के लिए पंजीकरण करने के लिए अयोग्य थे, उन्हें तीसरे चरण में पंजीकरण करने और दाखिले के लिए सीट ब्लॉक करने का मौका मिला गया।
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