Teen Alcohol Consumption Linked to Parental Approval Study Reveals Risks दो घूंट की ‘हां जवानी में बना देती है शराबी, Delhi Hindi News - Hindustan
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दो घूंट की ‘हां जवानी में बना देती है शराबी

एक अध्ययन में पता चला है कि किशोरों को माता-पिता की इजाजत से शराब चखाना गलत है। इससे वे बड़े होकर ज्यादा शराब पीने और शराब की लत लगने के खतरे में रहते हैं। शोध में 387 किशोरों के डेटा का विश्लेषण किया...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 21 May 2025 01:11 PM
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दो घूंट की ‘हां जवानी में बना देती है शराबी

बफेलो, एजेंसी। किशोरों को शराब चखने की छूट देना समझदारी नहीं, बल्कि बड़ी गलती साबित हो सकती है। एक अध्ययन में पता चला है कि जो किशोर अपने माता-पिता की इजाजत से सिर्फ ‘एक-दो घूंट शराब पीते हैं, उनके बड़े होकर ज्यादा मात्रा में और जोखिम भरे तरीके से शराब पीने की संभावना बढ़ जाती है। अमेरिका के बफेलो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की ओर से किया गया यह अध्ययन विज्ञान पत्रिका एडिक्टिव बिहेवियर्स में प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन में 11 साल की उम्र से लेकर 20 साल तक के 387 किशोरों और उनके माता-पिता के डाटा (शराब संबंधी) का नौ साल तक विश्लेषण किया गया।

शोध में पाया गया कि जिन बच्चों ने अपने माता-पिता की इजाजत से शराब चखी, वे जवानी में न सिर्फ ज्यादा शराब पीते हैं, बल्कि उन्हें शराब की लत पड़ने और उससे जुड़े नकारात्मक असर जैसे खुद को नुकसान पहुंचाना या नशे में कुछ गलत बोलने का खतरा भी ज्यादा होता है। 80% ने माना, माता-पिता से पूछकर चखी शराब शोध में पता चला कि बच्चे शराब चाखना लगभग पांच से 17 साल की उम्र में करते हैं, लेकिन ज्यादातर करीब 12 साल की उम्र में शुरू होता है। करीब 80 फीसदी किशोरों ने कहा कि उन्होंने माता-पिता की इजाजत से शराब चखी है। इस तरह पड़ जाती है आदत 1. जिज्ञासा खत्म नहीं बढ़ती है अमूमन कई माता-पिता सोचते हैं कि बच्चों को थोड़ी शराब चखाने से उनकी जिज्ञासा खत्म हो जाएगी और वे सुरक्षित रहेंगे। लेकिन यह सही नहीं है। अध्ययन से पता चला कि इससे बच्चों में शराब के प्रति जिज्ञासा बढ़ जाती है और वे बाद में ज्यादा शराब पीते हैं। 2. बच्चों को लगती है मजेदार जब बच्चे को लगता है कि माता-पिता शराब पीने की अनुमति देते हैं, तो वे सोचते हैं कि शराब पीना ठीक है और यह मजेदार होता है। इससे उनका नजरिया बदल जाता है और वे शराब के नुकसान कम सोचने लगते हैं। 3. परिस्थितियों का भी असर बच्चे की प्रकृति और परिस्थितियां भी असर डालती हैं। जैसे, जो बच्चे नए अनुभव पसंद करते हैं, उनके लिए यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है। वहीं, अगर यह शराब चाखना किसी पारिवारिक कार्यक्रम में हो तो नुकसान ज्यादा हो सकते हैं। ------- क्या कहते हैं आंकड़े -29% आबादी शराब का सेवन करती है दुनिया की -15-19 आयु वर्ग के 22% किशोरों (15.5 करोड़) ने 2019 में शराब का सेवन किया (स्रोत : विश्व स्वास्थ्य संगठन)

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