चाहूं तो भी नहीं लड़ सकता बेटी का केस, ज्योति मल्होत्रा के पिता ने ऐसा क्यों कहा?
ज्योति मल्होत्रा के पिता ने कहा कि वकील की फीस देने के लिए उनके पास पैसे नहीं है। अगर मैं चाहूं तो भी केस नहीं लड़ पाऊंगा। उन्होंने कहा कि ज्योति को 15 मई को गिरफ्तार किया गया था लेकिन आज तक उनकी बेटी से कोई बात नहीं हो पाई।

पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार की गई हिसार निवासी यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के पिता हरीश मल्होत्रा की तबीयत बिगड़ती जा रही है। वह तीन दिन से लगातार दवाई खा रहे हैं। पिता की आंखों से साफ दर्द दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि वह बेटी का केस लड़ने और उसका पक्ष रखने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि वकील की फीस देने के लिए उनके पास पैसे नहीं है। अगर मैं चाहूं तो भी केस नहीं लड़ पाऊंगा। उन्होंने कहा कि ज्योति को 15 मई को गिरफ्तार किया गया था लेकिन आज तक उनकी बेटी से कोई बात नहीं हो पाई।
हरीश ने कहा कि ज्योति के देश या देश से बाहर जाने की कोई जानकारी उन्हें नहीं होती थी। पिछले ढाई साल से वह अपनी वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड करती आ रही थी। ज्योति मल्होत्रा के पिता ने आगे कहा कि मुझे लग रहा है कि उसे फंसाया जा रहा है, पुलिस वाले उसे फंसा रहे हैं। उस पर लग रहे सारे आरोप गलत हैं। यह नहीं हो सकता कि वो भारत में रहकर पाकिस्तान के लिए काम करे, मेरे हिसाब से उसकी कोई गलती नहीं है, उसे छोड़ देना चाहिए, इंसाफ मिलना चाहिए।
रिमांड का आज आखिरी दिन, कल कोर्ट में पेशी
जासूसी करने के आरोप में पकड़ी गई ज्योति मल्होत्रा के रिमांड का आज आखिरी दिन है। कल उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। रिमांड आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं, यह देखना होगा क्योंकि एनआईए की जांच पूरी हो चुकी है। उस से चंडीगढ़ में पूछताछ की जा रही थी। अभी तक की जांच में एंजेसी के हाथ कई अहम जानकारी लगी हैं। ज्योति मल्होत्रा से मंगलवार को मिलिट्री इंटेलिजेंस ने छह घंटे पूछताछ की थी। ज्योति ने पहलगाम मामले में किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है। हालांकि खुलासा हुआ कि हमले के बाद भी ज्योति पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव के संपर्क में थी।
कई बैंकों में खाते, विदेशी मुद्रा में भी लेन-देन
ज्योति के कई बैंकों में खाते मिले हैं, जिनमें विदेशी मुद्रा में भी लेन-देन होता था। हालांकि इन खातों में कुल कितनी राशि है, पुलिस इसका खुलासा नहीं कर रही है। बैंक से ट्रांजेक्शन की डिटेल मांगी गई है। यह भी पता किया जा रहा है कि पहलगाम हमले के बाद भी कोई मोटी ट्रांजेक्शन तो नहीं हुई।