पहलगाम पैकेज: अंदेशा: पीओके में रची गई हमले की साजिश
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने हमास द्वारा इजरायल में किए गए हमले के पैटर्न को दर्शाया। एजेंसियों को संदेह है कि यह हमला पीओके में की गई साजिश का परिणाम है, जिसमें जैश, लश्कर और हमास का...

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में हमास द्वारा इजरायल में किए गए हमले का पैटर्न दिखा। दोनों जगह आतंकियों के निशाने पर खुशियां मना रहे आम लोग थे। सुरक्षा एजेंसियों को इस बात का अंदेशा है कि हमले की साजिश पीओके में रची गई और यह पाकिस्तान सेना और आईएसआई की जानकारी में हुआ।
एजेंसियां यह गुत्थी भी सुलझाने का प्रयास करेंगी कि क्या जैश, लश्कर और हमास का पीओके में दिखा गठजोड़ इस हमले के पीछे है। इसके चलते ही हमले का पैटर्न भी वैसा ही रहा। पाकिस्तान में पिछले कुछ समय से आतंकी तंत्र एक बार फिर बहुत ज्यादा सक्रिय हो गया है। खुलेआम सभाओं में कश्मीर के नाम पर भड़काने वाले भाषण दिए जा रहे हैं। पाकिस्तान आर्मी चीफ के अलावा आतंकी सरगनाओं का कुछ समय पहले दिया गया भड़काऊ भाषण भी एजेंसियों की जांच के दायरे में है।
पीओके में दिखे थे हमास के नेता
सूत्रों ने कहा, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में करीब 75 दिन पहले एक रैली और सम्मेलन में हमास के वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक रूप से देखा गया था। एक आयोजन में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और लश्कर-ए-मुस्तफा (एलईएम) जैसे आतंकी संगठनों के शीर्ष नेतृत्व के शामिल होने की खबर भी एजेंसियों को मिली थी। इसके बाद जम्मू-कश्मीर में पिछले दो दशकों का सबसे घातक आतंकी हमला देखा गया इसलिए एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। सूत्रों ने बताया कि आतंकियों ने पुंछ से उस मार्ग का इस्तेमाल किया जो उस स्थान के सबसे नजदीक है, जहां सम्मेलन आयोजित किया गया था। हालांकि, एजेंसियों ने अभी इस हमले में हमास की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संलिप्तता का निर्णायक सबूत या गठजोड़ स्थापित नहीं किया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि यह सात अक्तूबर 2023 को इजरायल पर हमास के हमले से काफी मिलता-जुलता है। घटना की मोडस ऑपरेंडी, लक्ष्य चुनने का तरीका सहित कई अन्य समानताएं हैं हालांकि दोनों जगहों पर हिंसा का स्तर अलग रहा।
आयोजन में थे 90-100 आतंकवादी मौजूद
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि पांच फरवरी को रावलकोट, पीओके में आयोजित ‘कश्मीर सॉलिडेरिटी एंड हमास ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड में लगभग 90-100 आतंकवादी मौजूद थे। इसका आयोजन पाकिस्तान और फलस्तीन के बीच इजरायल और भारत के खिलाफ एकजुट मोर्चे की पटकथा लिखने के लिए किया गया था। हमास के नेता डॉ. खालिद कद्दौमी, डॉ. नाजी जहीर, मुफ्ती आजम और पांच अन्य ने इस सभा को संबोधित किया। उन्होंने पाकिस्तान, फलस्तीन और अपने संगठन के झंडों की छपाई वाले शॉल पहने हुए थे। भारत के सबसे वांछित आतंकवादी मसूद अजहर का भाई तल्हा सैफ भी जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख सदस्यों में शामिल था।
जैश का सरगना भी सक्रिय
सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ समय से जैश का सरगना भी सक्रिय हो गया है। एजेंसियों का मानना है कि यह हमला अकेले टीआरएफ द्वारा अंजाम नहीं दिया जा सकता। इसके पीछे व्यापक साजिश और कई विदेशी आतंकी गुटों का हाथ है।
खुफिया एजेंसियों के पास थे हमले की साजिश के इनपुट
पीओके में हुए सम्मेलन ने पहले ही भारतीय संघीय खुफिया एजेंसियों के बीच चिंता पैदा कर दी थी, क्योंकि उन्हें विभिन्न आतंकी संगठनों के बीच जनशक्ति के ‘देने और लेने की आपसी समझ बनने और इनके बीच सहयोग का अंदेशा था। सूत्रों ने यह भी कहा कि एजेंसियों के पास जम्मू-कश्मीर में हमले की साजिश के बारे में इनपुट थे। हालांकि, कई मौकों की तरह इस बार भी चूक जगह और समय के सटीक इनपुट के अभाव में हुई।
अबकी बार कठोर संदेश देने की तैयारी
पहलगाम में फिलहाल सुरक्षा एजेंसियों का ऑपरेशन चल रहा है। एनआईए की टीम भी एफएसएल टीमों के साथ मौके पर है। सरकार और एजेंसियों का इरादा साफ है कि अबकी बार ऐसा कठोर संदेश दिया जाएगा जिससे आतंकियों को भी उस दर्द का एहसास हो जो उन्होंने निर्दोष लोगों की हत्या करके कई परिवारों को दिया है। सरकार हमले को सीधे देश के लिए चुनौती मान रही है।
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