पंडित गोपालप्रसाद व्यास रचनावली का लोकार्पण
नई दिल्ली में पंडित गोपाल प्रसाद व्यास की रचनावली का लोकार्पण समारोह हुआ। राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने व्यास के साहित्य को समाज में बदलाव लाने वाला बताया। समारोह में कई प्रसिद्ध कवियों ने...

नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। पंडित गोपाल प्रसाद व्यास द्वारा रचित साहित्य मौजूदा समय में उतना ही प्रासंगिक है, जितना पहले था। व्यास के लेखन में आह्वान था। साहित्य समाज में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करता है। व्यास का जीवन साहित्य की सेवा थी। यह उक्त बातें राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने रविवार को मुख्य अतिथि के रूप में कही। वह हिन्दी भवन न्यास समिति के संस्थापक मंत्री पंडित गोपाल प्रसाद व्यास रचनावली का लोकार्पण समारोह में हिन्दी भवन के सभागार में लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने व्यास को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन संघर्ष से भरा था।
यह रचनावली व्यास के असंख्य चाहने वालों के लिए आनंद व ज्ञान का स्रोत सिद्ध होगी। यह रचनावली नौ खंडों और 13 भागों में प्रकाशित है। कार्यक्रम की अध्यक्षता झारखंड के पूर्व राज्यपाल प्रभात कुमार द्वारा की गई। मंच पर हिन्दी भवन के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चंद्र मिश्र भी उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रसिद्ध कवि सुरेन्द्र शर्मा, डॉ. अशोक चक्रधर, चिराग जैन व मंच संचालन कर रहे अरुण जैमिनी ने व्यास के सम्मान में अत्यंत भावभीनी काव्यांजलि प्रस्तुत की। गोपाल प्रसाद व्यास रचनावली के संपादक व हिन्दी भवन के मंत्री डॉ. गोविंद व्यास ने बताया कि व्यास द्वारा रचित विपुल साहित्य का संपादन कोई सहज कार्य नहीं था। व्यास के रचनाकर्म को सहेजने, उसे क्रमबद्ध किए जाने में कई मुश्किलें आईं, लेकिन विलंब से ही सही पर कार्य पूर्ण हो जाने का उन्हें संतोष है। इस दौरान हिन्दी भवन की सहमंत्री डॉ. रत्नावली कौशिक सहित व्यास के प्रशंसकों खासी संख्या में उपस्थित थे।
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