डीडीए की जमीन पर दोबारा अतिक्रमण हुआ तो अधिकारी पर मुकदमा : एलजी
दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने डीडीए की जमीन पर अतिक्रमण के मामले में अधिकारियों को निलंबित किया। उन्होंने भविष्य में ऐसी घटनाओं पर आपराधिक मामले दर्ज करने का आदेश दिया। मयूर नेचर पार्क...

नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। डीडीए की जमीन पर होने वाले अतिक्रमण का खामियाजा अब अधिकारियों को भुगतना होगा। दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने मयूर नेचर पार्क परियोजना से जुड़े ऐसे ही मामले में डीडीए स्टाफ, सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता को निलंबित कर दिया। उन्होंने कहा कि नए सिरे से या दोबारा अतिक्रमण की किसी भी घटना पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामले के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। यह कार्रवाई निलंबन और विभागीय जांच की सामान्य प्रक्रिया के अतिरिक्त होगा। राजनिवास सूत्रों ने बताया कि मयूर विहार फेज-1 से एनएच-24 तक के हिस्से में डीडीए मयूर नेचर पार्क परियोजना पर काम कर रहा है। यह परियोजना यमुना के बाढ़ क्षेत्र के पुनरूद्धार और कायाकल्प के लिए महत्वपूर्ण है। जून 2024 में हाईकोर्ट और एनजीटी के निर्देश पर यहां पर अतिक्रमण अभियान चलाया गया था। इस अभियान में लगभग 390 हेक्टेयर जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। बड़े पैमाने पर की गई इस कार्रवाई के बावजूद यह पाया गया कि डीडीए के अधिकारियों ने फिर अतिक्रमण की अनुमति दे दी है। इसको लेकर अधिकारियों और बाहरी लोगों के बीच मिलीभगत की बातें कहीं गईं। राजनिवास सूत्रों ने बताया कि इस तरह की लापरवाही से न केवल डीडीए को अदालत और एनजीटी द्वारा कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ता है, बल्कि इससे सरकारी खजाने को भी भारी वित्तीय क्षति पहुंचती है।
दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से डीडीए की जमीन पर किए गए इस अतिक्रमण के खिलाफ बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। उन्होंने निर्देश दिया कि भविष्य में डीडीए की जमीन पर अगर नया या दोबारा अतिक्रमण की कोई घटना होती है तो ऐसे मामले में संबंधित अधिकारी-इंजीनियर के खिलाफ सामान्य निलंबन या जांच के अलावा आपराधिक आरोपों के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। जबकि, मयूर नेचर पार्क परियोजना के उपरोक्त मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है। जबकि, डीडीए कर्मियों व बाहरी लोगों की मिलीभगत और संभावित साजिश का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी। इसके बाद उचित कार्रवाई होगी। उप राज्यपाल ने डीडीए उपाध्यक्ष को सात दिनों के भीतर जांच और इन पर की गई कार्रवाई पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
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