अपडेट 1 :::मुर्शिदाबाद हिंसा :::: राज्यपाल से महिलाओं ने बयां किया दर्द, कार्रवाई का आश्वासन
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मालदा में विस्थापित परिवारों से मुलाकात की। महिलाओं ने बताया कि बदमाशों ने उनके घरों पर हमला किया, संपत्ति लूट ली और उन्हें जबरन बेदखल कर दिया। राज्यपाल ने...

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- कहा, बदमाशों ने घरों पर हमला किया, संपत्ति लूटी और जबरन भगाया
- शरणार्थी शिविर में राज्यपाल ने बच्चों से की बात
- विस्थापित परिवारों की शिकायतों को धैर्यपूर्वक सुना
मालदा/कोलकाता, एजेंसी।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस शुक्रवार को मालदा पहुंचकर शिविरों में दंगा पीड़ितों से मुलाकात की। इस दौरान विस्थापित परिवारों ने अपना दर्द बयां किया।
बैष्णवनगर के पारलपुर हाई स्कूल में स्थित शरणार्थी शिविर में राज्यपाल ने छोटे बच्चों से बात की और परिवारों की शिकायतों को धैर्यपूर्वक सुना। महिलाओं ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने आकर उनके घरों पर हमला किया। उनकी संपत्ति लूटी और जबरन बेदखल कर दिया। यह पीड़ा बताते हुए कई महिलाएं रो पड़ीं। इस दौरान आश्वासन दिया कि शिकायतों को दूर करने के लिए सक्रिय कार्रवाई की जाएगी।
ट्रेन से पहुंचे मालदा
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की यात्रा स्थगित करने की अपील को खारिज करते हुए राज्यपाल शुक्रवार सुबह कोलकाता से मालदा ट्रेन से पहुंचे। निकलने से पहले उन्होंने बताया कि वे स्वतंत्र रूप से जमीनी रिपोर्टों की पुष्टि करना चाहते हैं। इसलिए पीड़ितों से मुलाकात करूंगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बल और राज्य पुलिस सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। पीड़ितों से मिलने के बाद वह रिपोर्ट पेश करेंगे। मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा की घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए राज्यपाल बोस ने कहा कि राज्य में इस तरह की घटनाओं को भी कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यपाल शनिवार को मुर्शिदाबाद हिंसाग्रस्त क्षेत्रों का भी दौरा करेंगे।
ताबूत में कील ठोकनी होगी
राज्यपाल ने कहा, पिछले दिनों मुर्शिदाबाद और मालदा जो कुछ हुआ है, वह कभी नहीं होना चाहिए था। बंगाल की सड़कों पर फैली हिंसा पर रोक लगनी चाहिए थी। उनके मुताबिक, बंगाल में विभिन्न स्थानों पर हिंसा अपने भयावह रूप में सामने आ रही है। हिंसा की संस्कृति को खत्म करना होगा और ताबूत में आखिरी कील ठोकनी होगी। यह एक ऐसा कार्य है, जो बंगाल में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
लोगों ने बैरिकेड तोड़ अधिकारियों को घेरा
मालदा के वैष्णवनगर में परलालपुर हाई स्कूल राहत शिविर में सैकड़ों विस्थापित परिवारों ने शरण ली है। यहां पर पुलिस के लगाए गए सेंसरशिप और पाबंदियों के कारण लोग परेशान हो गए। शुक्रवार को जब राज्यपाल का दौरा होने वाला था, उससे पहले यहां मौजूद लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस आपबीती बताने की अनुमति नहीं दे रही है। शिविर में मौजूद लोगों ने अव्यवस्था के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, यह शिविर जेल भी भी बदतर है। तनाव तब और बढ़ गया, जब गुस्साए शिविर निवासियों ने बैरिकेड तोड़ दिए और जिला अधिकारियों को घेर लिया। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि वे उन्हें मीडिया से बात करने या रिश्तेदारों से मिलने नहीं दे रहे हैं। कई महिलाओं ने पुलिसकर्मियों द्वारा उत्पीड़न का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें रात में बाहरी लोगों से बात न करने की धमकी दी जा रही है। शिविर में मौजूद एक महिला ने कहा कि पुलिस हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है। हमें सूखी रोटियां, केले और बासी चावल दिए जा रहे हैं।
मालदा पहुंचा मानवाधिकार आयोग, पीड़ितों से की मुलाकात
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के एक दल ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मालदा पहुंचकर पलायन वाले लोगों से मुलाकात की। मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से भागकर एक अस्थायी शिविर में लोगों ने शरण ली है। एनएचआरसी ने हिंसा का स्वत: संज्ञान लिया था। इसके सदस्यों ने मालदा के पार लालपुर हाई स्कूल में शिविर में रह रहे प्रभावित परिवारों के सदस्यों से बात की। आयोग ने कहा कि उसने स्थिति की गंभीरता'' को देखते हुए एक तथ्यान्वेषी दल भेजने का फैसला किया है और तीन सप्ताह के भीतर एक विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है।
महिलाओं और बच्चों के हालात देखकर स्तब्ध : एनसीडब्ल्यू
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मालदा में मौजूद शिविर का दौरा किया। इस दौरान अध्यक्ष रहाटकर ने पीड़ित महिलाओं से बात की। उन्होंने कहा, महिलाओं और बच्चों के हालात देखकर स्तब्ध हूं। उन्हें जबरन घरों से निकाल दिया गया और वे गहरे आघात से गुजरे हैं। इस दौरान एनसीडब्ल्यू सदस्य अर्चना मजूमदार ने आरोप लगाया कि महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की गई और उन्हें उनके घरों से निकाल दिया गया। उन्होंने कहा, सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन राज्य सरकार ने कोई मदद नहीं की। शनिवार को मुर्शिदाबाद जाने से पहले एनसीडब्ल्यू प्रतिनिधिमंडल मालदा में ही रुकेगा। पैनल का जिला अधिकारियों, पीड़ितों से मिलने और रविवार को कोलकाता में राज्यपाल, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से मिलने का कार्यक्रम है।
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