अपडेट ::: राज्यपाल हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद का दौरा नहीं करें : ममता
नोट ::: खबर में राज्यपाल बोस का बयान जोड़ा गया है। ---------------------------------------------------- - राज्यपाल

नोट ::: खबर में राज्यपाल बोस का बयान जोड़ा गया है। ----------------------------------------------------
- राज्यपाल बोस ने मुख्यमंत्री के अनुरोध को खारिज किया
- कहा, पीड़ितों का हाल जानने के निरीक्षण करना जरूरी
कोलकाता, एजेंसी।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस से हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले का दौरा स्थगित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है और विश्वास बहाली के उपाय किए जा रहे हैं।
बनर्जी की यह टिप्पणी उन खबरों की पृष्ठभूमि में आई है, जिनमें कहा गया था कि राज्यपाल बोस सांप्रदायिक हिंसा के बाद जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए शुक्रवार को मुर्शिदाबाद जिले का दौरा करेंगे। राजभवन के एक अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल गुरुवार रात को मुर्शिदाबाद में दो दिवसीय के लिए रवाना होंगे। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, गैर-स्थानीय लोगों से अनुरोध करूंगी कि वे अभी मुर्शिदाबाद का दौरा न करें। क्योंकि वहां विश्वास बहाली के उपाय किए जा रहे हैं और स्थिति सामान्य हो रही है।
जमीनी हालात का निरीक्षण कर दूंगा रिपोर्ट : बोस
इस दौरान पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अनुरोध को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वे कुछ इलाकों का दौरा करेंगे और लोगों से मुलाकात कर स्वयं जमीनी हालात का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा, मुर्शिदाबाद के पीड़ितों से मिलने के बाद स्थिति तय होगी। अगर वहां शांति बहाल होती है तो सबसे ज्यादा खुशी मुझे होगी। उनके अनुसार, एक बार जब एहसास हो जाएगा कि वहां हालात कैसे हैं तो उसके आधार पर अपनी रिपोर्ट दूंगा। इस दौरान उन्होंने संकेत दिया कि वह केंद्र को स्थिति के बारे में अपडेट देते हुए रिपोर्ट सौंपेंगे। बोस ने कहा कि क्षेत्र के लोगों ने अनुरोध किया कि वहां बीएसएफ कैंप स्थापित किया जाए। लिहाजा, यह ऐसा कुछ है जिसकी उच्चतम स्तर पर सभी पहलुओं पर जांच की जानी चाहिए।
सीमा सुरक्षा नियमों पर की आलोचना
इससे पहले, मुख्यमंत्री ममता ने सीमा सुरक्षा नियमों में बदलाव को लेकर केंद्र की आलोचना की। उन्होंने कहा, मौजूदा गृहमंत्री अमित शाह एक नया कानून लेकर आए हैं, जिसमें बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर सीमा कर दिया गया है। इसलिए, बीएसएफ की जवाबदेही होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि गृह मंत्रालय सीमा पार से पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने वाले लोगों की जानकारी राज्य सरकार के साथ साझा नहीं कर रहा है। उन्होंने दावा किया, पहले हमें ऐसी जानकारी मिलती थी, लेकिन अब इसे हमारे साथ साझा नहीं किया जा रहा है।
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