नोएडा में आवासीय जमीन पर व्यवसाय करना होगा महंगा, मिक्स लैंड यूज पॉलिसी में बदलाव संभव
यह प्रस्ताव अगले सप्ताह होने वाली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। आवासीय और व्यावसायिक दरों के अंतर का शुल्क जमा करने के बाद भूखंड पर निर्माण योग्य स्थान का 25 प्रतिशत उपयोग व्यावसायिक गतिविधियों के लिए करने की स्वीकृति प्राधिकरण देता है।

नोएडा प्राधिकरण मिक्स लैंड यूज पॉलिसी में बदलाव करने जा रहा है। आवासीय,औद्योगिक भूखंड पर व्यावसायिक गतिविधि चलाने पर अब शुल्क 10 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक करने की तैयारी है। यह शुल्क संबंधित सेक्टर के आवासीय और व्यावसायिक दरों के अंतर का 10 प्रतिशत लगता है। इसके अलावा मंजूरी के लिए बनने वाली समिति,मानक और अन्य नियमों में भी कुछ बदलाव प्रस्तावित हैं।
यह प्रस्ताव अगले सप्ताह होने वाली बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। आवासीय और व्यावसायिक दरों के अंतर का शुल्क जमा करने के बाद भूखंड पर निर्माण योग्य स्थान का 25 प्रतिशत उपयोग व्यावसायिक गतिविधियों के लिए करने की स्वीकृति प्राधिकरण देता है। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि अब तक लागू पॉलिसी नवंबर-2013 में हुई बोर्ड बैठक की मंजूरी के बाद प्राधिकरण में प्रभावी हुई थी।
इसे लागू करने के पीछे तर्क यह दिया गया कि मेट्रो विस्तार में होने वाले व्यय को निकालने के लिए औद्योगिक सेक्टरों के मुख्य मार्गों पर ऑटो शोरूम और आवासीय सेक्टरों में गेस्ट हाउस खुलने की मंजूरी पर प्रभाव शुल्क लगाया जाए। इसके लिए मिक्स लैंड यूज की मंजूरी देनी होगी। इस पर सेक्टर के आवासीय या औद्योगिक भूखंड की आवंटन दरें और व्यावसायिक आवंटन दरों के अंतर के 50 प्रतिशत धनराशि को शुल्क के लिए तय किया गया।
यह एक बार में ही आवेदक को जमा करने लिए नियम बनाया गया। इसके बाद अगले ही वर्ष प्राधिकरण ने 2014 में यह शुल्क अंतर का 25 प्रतिशत कर दिया गया। इसके बाद 2015 में दिल्ली की दरों का हवाला देते हुए इसे 25 से भी घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया। इसके बाद से यही शुल्क लागू है। अधिकारियों ने बताया कि इसमें यह शर्त भी लागू है कि 24 मीटर या इससे चौड़ी सड़क पर ही बदलाव को मंजूरी दी जाएगी।
प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक जब यह पॉलिसी आई और दरें 2014 और 2015 में कम की गईं, तब आवासीय और औद्योगिक भूखंड की दरें, व्यावसायिक भूखंड की दरों से ज्यादा कम थीं। ऐसे में प्राधिकरण के लिए राजस्व प्राप्त होने का माध्यम था। अब करीब आठ साल से व्यावसायिक भूखंड की दरें बढ़ी नहीं हैं, जबकि आवासीय और औद्योगिक भूखंड की दरें करीब हर साल बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में दरों के अंतर की 10 प्रतिशत धनराशि इस बदलाव के लिए कम है।