Cyber Criminals Dupe Retired CAG Director of 99 000 in DTH Recharge Scam डीटीएच रिचार्ज कराने का झांसा देकर सेवानिवृत्त निदेशक से ठगी , Noida Hindi News - Hindustan
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डीटीएच रिचार्ज कराने का झांसा देकर सेवानिवृत्त निदेशक से ठगी

नोएडा में साइबर अपराधियों ने डीटीएच रिचार्ज कराने का झांसा देकर सेवानिवृत्त कैग निदेशक अशोक कुमार गुप्ता से 99 हजार रुपये ठग लिए। गूगल पर मिले हेल्पलाइन नंबर से ठगों से संपर्क किया और उनकी गाइडलाइन्स...

Newswrap हिन्दुस्तान, नोएडाFri, 23 May 2025 08:08 PM
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डीटीएच रिचार्ज कराने का झांसा देकर सेवानिवृत्त निदेशक से ठगी

नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। साइबर अपराधियों ने डीटीएच रिचार्ज कराने का झांसा देकर कैग से सेवानिवृत्त निदेशक से 99 हजार रुपये ठग लिए। मुंबई के खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई। पीड़ित ने सेक्टर-113 थाने की साइबर सेल में मामले की शिकायत की है। सेक्टर-74 स्थित सुपरटेक केपटाउन सोसाइटी निवासी अशोक कुमार गुप्ता के डीटीएच के रिचार्ज की समय सीमा बीते गुरुवार को समाप्त हो गई। उन्होंने स्वयं से रिचार्ज करने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने गूगल से हेल्पलाइन नंबर निकालकर रिचार्ज करना चाहा। वह गूगल पर दिए नंबर से ठगों के संपर्क में आ गए।

ठगों के निर्देशों का पालन करने हुए उन्होंने इंटरनेट बैंकिंग के पिन की गोपनीय जानकारी साझा कर दी। ठगों ने लिंक पर क्लिक करवाकर उनसे एक ऐप डाउनलोड करवाया। इसके बाद उनके मोबाइल का एक्सेस ठगों के पास पहुंच गया। ठगों ने दोबार में 50 हजार और 49 हजार रुपये ट्रांसफर कर लिए। खाते से रकम ट्रांसफर होने का मैसेज उनके मोबाइल पर आया तो उन्हें ठगी की जानकारी हुई। ठगी की रकम मुंबई के बैंक की शाखा में गई। आशंका जताई जा रही है कि रकम किराये के खाते में ट्रांसफर हुई होगी। पुलिस संबंधित बैंक के अधिकारियों को समन्वय स्थापित कर ठगी की रकम को फ्रीज कराने का प्रयास कर रही है। इस प्रकार की ठगी को लेकर साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि हर व्यक्ति के पास इस समय स्मार्टफोन है। ऐसे में किसी भी जानकारी के लिए वह गूगल का सहारा लेता है। लेकिन गूगल में अब साइबर ठग घुसपैठ कर चुके हैं। उनके ओर से सिस्टम में हूबहू किसी कंपनी का नाम और कस्टमर केयर नंबर डाल दिया जा रहा है। जैसे ही लोग सर्च कर रहे हैं, ठग का नंबर आ जा रहा है। ठगों द्वारा डाले गए नंबर पर कॉल करने पर वह एक लिंक भेज दे रहे हैं। जिस पर क्लिक करते ही नौ नंबर की ओटीपी आती है। डालते ही एनीडेस्क लोड हो जा रहा है। इसके बाद मोबाइल में मौजूद सारी जानकारी ठगों तक पहुंच जा रही है।

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