बारिश के पानी को बचाने के लिए पार्क और हरित क्षेत्र में नई विधियों को अपनाने की तैयारी
भूजल स्तर में सुधार का प्रयास मौजूदा विधियों और सिंचाई व्यवस्था का मूल्यांकन

ग्रेटर नोएडा, कार्यालय संवाददाता। बारिश के पानी को बर्बाद होने से बचाने के लिए पार्क, हरित क्षेत्र और लॉन में नई विधियों को अपनाया जाएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इसमें पर्यावरण विशेषज्ञों, गैर सरकारी संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों की मदद ली जाएगी। रुचि की अभिव्यक्ति कर सुझाव मांगे गए हैं। विशेषज्ञों के सुझावों पर जल संरक्षण की नई विधियों को आज की जरूरत के हिसाब से डिजाइन किया जाएगा। इसके साथ ही मौजूदा विधियों और सिंचाई व्यवस्था का मूल्यांकन भी किया जाएगा। बता दें कि अभी टैंकर या बोरिंग कर पार्क और हरित क्षेत्र की सिंचाई की जाती है।
बारिश के पानी को बचाने की कोई कारगर व्यवस्था नहीं है। भूजल स्तर में साल दर साल गिरावट हो रही है। शहरीकरण का विस्तार होने से ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में भूजल स्तर में सुधार करना प्राधिकरण के सामने आज बड़ी चुनौती है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा भी इस संबंध में विशेष दिशा- निर्देश दिए गए हैं। इस पहल के तहत ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पार्क, हरित क्षेत्र और लॉन में वर्षा जल संचयन के लिए टिकाऊ समाधान पर काम करेगा। इसमें पर्यावरण विशेषज्ञों, गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ), शैक्षणिक संस्थानों और पेशवरों की मदद लेने के लिए रुचि की अभिव्यक्ति जारी कर सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया गया है। प्राधिकरण अधिकारी के मुताबिक विशेषज्ञों से प्राप्त सुझावों पर अमल करते हुए पहल को आगे बढ़ाया जाएगा। बारिश के पानी को बचाने के लिए वर्षा जल संचयन प्रणाली को कारगर बनाया जाएगा। पहल का उद्देश्य प्राधिकरण अधिकारी के मुताबिक इस पहल का उद्देश्य जल संरक्षण को बढ़ावा देना, भूजल स्तर में वृद्धि, बारिश के पानी को बचाने की प्रणालियों के कार्यान्वयन के माध्यम से टिकाऊ शहरी बागवानी का समर्थन करना है। एसटीपी के पानी से पार्क और हरित क्षेत्र की सिंचाई ज्यादा से ज्यादा भूजल को बचाया जा सके इसके लिए सीवर के शोधित पानी से पार्कों और हरित क्षेत्र की सिंचाई की जाएगी। इसके लिए अलग से पाइप लाइन बिछाने की तैयारी चल रही है। अभी सीवर के शोधित पानी को टैंकर में भरकर हरित क्षेत्र की सिंचाई में इस्तेमाल किया जा रहा है। बारिश के पानी को बर्बाद होने से बचाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए वर्षा जल संचयन प्रणाली को आज की जरूरत के हिसाब से डिजाइन किया जाएगा। पार्क और हरित क्षेत्र में नई विधि को अपनाने की तैयारी चल रही है। पर्यावरण विशेषज्ञों और एनजीओ से मदद लेकर इस पहल को आगे बढ़ाया जाएगा। यह प्रयास होगा कि पार्क और हरित क्षेत्र में बारिश का एक बूंद पानी बर्बाद न हो। अभिषेक पाठक, ओएसडी, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण।
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