बाजारों में मोबाइल चुराने वाले गिरोह का पर्दाफाश
नोएडा के फेज-2 थाने की पुलिस ने बाजारों और भीड़भाड़ वाले स्थानों से मोबाइल चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। गिरोह के सरगना रोहित और उसके साथी आकाश को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से चार चोरी के...

नोएडा, वरिष्ठ संवाददाता। फेज-2 थाने की पुलिस ने शनिवार को बाजारों, मंडियों और भीड़भाड़ वाले स्थानों से मोबाइल चुराने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर सरगना समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से चोरी के चार मोबाइल, घटना में इस्तेमाल होने वाली बाइक, तमंचा और चाकू समेत अन्य सामान बरामद किया। डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि साप्ताहिक और भीड़भाड़ वाले बाजारों, फलों और सब्जियों की मंडियों में मोबाइल चोरी होने की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाने और गिरोह के बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए थाना प्रभारी की अगुवाई में टीम बनाई गई।
टीम ने शनिवार को थाना क्षेत्र के निम्मी विहार पुस्ता के पास से गिरोह के सरगना समेत दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों मोटरसाइकिल से चोरी के मोबाइल को बेचने जा रहे थे। संदिग्ध लगने पर पुलिस ने जब दोनों को रोककर पूछताछ शुरू की तो पता चला कि दोनों ही अपराधी हैं और संगठित गिरोह बनाकर मोबाइल चोरी की वारदात करते हैं। आरोपियों की पहचान बिसरख के ऐमनाबाद गांव निवासी 20 वर्षीय आकाश भाटी और 21 वर्षीय रोहित के रूप में हुई। रोहित गिरोह का सरगना है। दो वर्ष से वारदात कर रहे थे पुलिस के अनुसार आकाश और रोहित दोनों ही बारहवीं पास हैं। दोनों बीते दो साल से वारदात कर रहे थे। रोहित के खिलाफ अलग-अलग थानों में विभिन्न धाराओं में तीन और आकाश के खिलाफ दो केस दर्ज हैं। पुलिस दोनों के अन्य साथियों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है। आरोपियों के परिजनों को उनके द्वारा किए जा रहे अपराधों की जानकारी दे दी गई है। इनका कोई निश्चित ग्राहक नहीं होता था, यह तोलमोल करके जहां भी अधिक दाम मिलते थे, वहीं मजबूरी बताकर मोबाइल फोन को बेच देते थे। केवल व्हाट्सऐप कॉल करते थे पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि आरोपी नियमित रूप से लगने वाली मंडियों और साप्ताहिक बाजारों में आने वाले लोगों को चिह्नित करते थे। आरोपी ग्राहकों का ध्यान भंग होने की प्रतीक्षा करते थे और थोड़ी सी चूक होने पर तुरंत मोबाइल फोन लेकर गायब हो जाते थे। पकड़े जाने के डर से आरोपी केवल व्हाट्सऐप कॉल का इस्तेमाल करते थे, ताकि पुलिस उनको ट्रेस न कर सके। पकड़े जाने के डर से आरोपी अपने पास अवैध हथियार रखते थे। बरामद मोटरसाइकिल चोरी की है या नहीं इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।
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