IGI एयरपोर्ट पर मंडराते खतरे को लेकर जनहित याचिका, हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
- याचिका में बताया गया है कि साल 2018 से 2023 के बीच इस एयरपोर्ट पर पक्षियों के टकराने की कुल 705 घटनाएं हुईं, जो छह अलग-अलग राज्यों के 29 एयरपोर्ट पर दर्ज की गई ऐसी घटनाओं की कुल संख्या से ज्यादा थी।

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास के 10 किलोमीटर के इलाके में स्थित बूचड़खानों को बंद करने के लिए हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) लगाई गई है। याचिका में कहा गया है कि इन बूचड़खानों की वजह से आसपास के इलाकों में पक्षी मंडराते रहते हैं, जिनके विमानों से टकराने का खतरा बना रहता है और ऐसे में इनसे यात्रियों की सुरक्षा को गंभीर खतरा है। जिसके बाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) और अन्य से जवाब मांगा है।
मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने DGCA, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण, FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण), दिल्ली सरकार, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण और दिल्ली पुलिस के माध्यम से केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और जनहित याचिका में उठाई गई चिंताओं को कम करने वाले उपायों पर अपना रुख बताने को कहा है।
याचिका में बताया गया है कि साल 2018 से 2023 के बीच इस एयरपोर्ट पर पक्षियों के टकराने की कुल 705 घटनाएं हुईं, जो छह अलग-अलग राज्यों के 29 एयरपोर्ट पर दर्ज की गई पक्षियों के टकराने की घटनाओं की कुल संख्या से अधिक थी।
दोनों जजों की पीठ ने कहा, 'याचिका में उठाई गई चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, जिम्मेदारों को नोटिस जारी किए जाएं।' इसके साथ ही पीठ ने हलफनामा जमा करने के लिए छह सप्ताह का वक्त देते हुए अगली सुनवाई के लिए 14 मई की तारीख निर्धारित की।
इस जनहित याचिका को पशु अधिकार कार्यकर्ता गौरी मौलेखी द्वारा दायर किया गया है, जिसमें कहा गया है कि IGI हवाई अड्डे पर पक्षियों या वन्यजीवों के विमान से टकराने से ना केवल विमान में सवार यात्रियों के जीवन और सुरक्षा को खतरा हो सकता है, बल्कि किसी अनहोनी की स्थिति में स्थानीय निवासियों को भी खतरा हो सकता है।
याचिका में दावा करते हुए कहा गया है कि इस खतरे के पीछे के मुख्य कारण IGI एयरपोर्ट के आसपास स्थित बूचड़खाने, मांस की दुकानें, डेयरी फार्म हैं, जिनकी वजह से इन जगहों पर पक्षियों या जानवरों के आकर्षित होने की आशंका बनी रहती है। PIL में दावा किया गया है कि नियमों के अनुसार भी एयरपोर्ट के आसपास बूचड़खाने, मांस की दुकानें या डेयरी फार्म का संचालन और अवशेषों का निपटान विभिन्न कानून का उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता द्वारा इस याचिका के जरिए पक्षियों के विमान से टकराने के खतरे (BASH) को रोकने के लिए अधिकारियों को तत्काल और प्रभावी उपाय करने तथा IGI हवाई अड्डे पर पक्षियों से बचने का मॉडल को लागू करने का निर्देश देने की मांग की गई है, जिनके ना होने की वजह से कई स्थानों पर गम्भीर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
याचिका में बताया गया है कि विमान नियम और भारतीय वायुयान विधेयक 2024 में एयरोड्रम रिफ्रेंस पॉइंट से 10 किलोमीटर के दायरे में जानवरों के मारने या उनकी खाल उतारने या इससे संबंधित किसी भी कचरे के निपटान पर रोक है। क्योंकि इससे पक्षियों या जानवरों के आकर्षित होने की संभावना बनी रहती है। इसलिए याचिकाकर्ता ने आईजीआई एयरपोर्ट के एआरपी के 10 किलोमीटर के दायरे में सभी अवैध बूचड़खानों, मीट शॉप क्लस्टर और अन्य अनधिकृत प्रतिष्ठानों को बंद करने की मांग की।
हाईकोर्ट की तरफ से जारी नोटिस में'PIL में किए गए कथनों के पैरा-वार उत्तर' शामिल करने का निर्देश दिया गया है, साथ ही याचिका में उठाई गई चिंताओं पर 'उठाए गए कदमों का विवरण' भी शामिल करने को कहा गया है।