दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों पर दबिश, पुलिस ने 8 घुसपैठियों को दबोचा;बताया किस काम में लगे हुए थे यहां
- पुलिस के अनुसार सभी आठ आरोपियों को 16 अप्रैल को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) के सामने पेश किया गया और जहां से उन्हें निर्वासन केंद्र भेज दिया गया।

राष्ट्रीय राजधानी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ अपना अभियान जारी रखते हुए दिल्ली पुलिस ने हाल ही में आठ घुसपैठियों को पकड़ने में कामयाबी पाई है। इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने गुरुवार को बताया कि हिरासत में लिए गए आरोपियों में 38 साल का एक शख्स भी शामिल है, जो कि बांग्लादेश में मानव तस्करी के मामले में शामिल रहा है। यह सभी आरोपी पिछले कई सालों से दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे थे। इस दौरान कई के बच्चों ने भी यहां पर ही जन्म लिया है।
अधिकारियों ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोग दलालों की मदद से त्रिपुरा, घोजा डोंगा और बेनापोल बॉर्डर के जरिए साल 2007 से 2023 के बीच अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए थे। पुलिस ने अनुसार ये आरोपी दिल्ली के किशनगढ़ और कटवारिया सराय सहित दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में रह रहे थे।
पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान रबिउल इस्लाम (38 साल), उसकी पत्नी सीमा (27 साल), इनके बेटे अब्राहम (5 साल), पापिया खातून (36 साल) और उसकी बेटियों सादिया सुल्ताना (21 साल) और सुहासिनी (1 साल), रिफत आरा मोयना (28 साल) और आर्यन (7 साल) के रूप में हुई है।
पुलिस की एक टीम ने 15 अप्रैल को एक गुप्त सूचना के आधार पर सत्य निकेतन बाजार क्षेत्र से मुख्य आरोपी इस्लाम को हिरासत में लिया। उसने पुलिस को बताया कि वह साल 2012 में अवैध रूप से भारत में आया था। इसके साथ ही पूछताछ के दौरान उसने शहर में बिना उचित दस्तावेजों के रह रहे अन्य बांग्लादेशी नागरिकों की जानकारी भी पुलिस को दे दी।
जांच के दौरान पाया गया कि इस्लाम बांग्लादेश में मानव तस्करी के एक मामले में शामिल था। उसकी पत्नी सीमा, जो उससे शादी करने के बाद 2016 में बांग्लादेश से यहां आई थी, घरेलू सहायिका के रूप में काम करती है। पुलिस ने बताया कि हिरासत में लिए गए अन्य लोग या तो घरेलू काम में लगे थे या व्यावसायिक प्रशिक्षण ले रहे थे।
पुलिस के अनुसार सभी आठ बंदियों को 16 अप्रैल को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) के सामने पेश किया गया और जहां से उन्हें निर्वासन केंद्र भेज दिया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि FRRO की मदद से निर्वासन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।