55 लाख वसूलने को खर्चे 1 करोड़, गुरुग्राम नगर निगम की सैनिटेशन सिक्योरिटी फोर्स बनी घाटे का सौदा
गुरुग्राम नगर निगम की सैनिटेशन सिक्योरिटी फोर्स (एसएसएफ) निगम के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। निगम ने इन एसएसएफ टीमों पर बीते चार माह में एक करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं, जबकि शहर में खुले में मलबा और कूड़ा डालने वालों से सिर्फ 55 लाख ही जुर्माना वसूला जा सका है।

गुरुग्राम नगर निगम की सैनिटेशन सिक्योरिटी फोर्स (एसएसएफ) निगम के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। निगम ने इन एसएसएफ टीमों पर बीते चार माह में एक करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं, जबकि शहर में खुले में मलबा और कूड़ा डालने वालों से सिर्फ 55 लाख ही जुर्माना वसूला जा सका है।
नगर निगम के अतिरिक्त निगमायुक्त द्वारा शहर में खुले में मलबा और कूड़ा डालने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई के लिए अलग से एक एसएसएफ टीम का गठन किया गया था। दिसंबर 2024 में इस टीम का गठन किया गया था। टीम के कार्यों को लेकर बीते सप्ताह समीक्षा बैठक की गई, जिसमें खुलासा हुआ है कि निगम की यह टीम निगम के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है, क्योंकि निगम की एसएसएफ टीम पर एक करोड़ खर्च हो चुका है और टीम ने खुले में मलबा और कूड़ा डालने वालों पर 75 लाख रुपये जुर्माना लगाया, लेकिन 56 लाख रुपये ही वसूल पाया है।
इतना ही नहीं 12 टीमें 24 घंटे शहर में निगरानी में लगी हुई हैं। इसके बाद भी शहर में खुले में कूड़ा और मलबा डालना पूरी तरह से बंद नहीं हो पाया है। टीमों द्वारा कार्रवाई कम और निगम के खजाने को नुकसान ज्यादा पहुंचाया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर अब टीमें कब और कहां कार्रवाई कर रही है, इसकी कोई निगरानी भी नहीं कर रहा।
एक टीम में होते हैं पांच सदस्य : नगर निगम द्वारा 12 एसएसएफ की टीमों का गठन किया हुआ है। एक टीम में पांच सदस्यों को शामिल किया गया है। इसमें एक गाड़ी चालक निगम का और एक पुलिस विभाग से एसपीओ को इनमें तैनात किया हुआ है। एक गनमैन और दो निगम के कर्मचारियों को भी टीम में शामिल किया गया है। दो निगम के कर्मचारियों की बात की जाए तो एक कर्मचारी को निगम की तरफ से करीब 20 हजार रुपये का वेतन दिया जाता है। 12 टीमों में 24 कर्मचारियों को तैनात किया गया है। एक अनुमान के अनुसार, 24 कर्मचारियों को एक माह में चार लाख 80 हजार रुपये का वेतन दिया जाता है। बीते चार माह में निगम ने इन 24 कर्मचारियों को 19 लाख 20 हजार रुपये का वेतन दिया जा चुका है।
चार माह में टीम ने यह की कार्रवाई : नगर निगम द्वारा गठित एसएसएफ टीम ने बीते चार माह में दिन-रात सड़कों पर दौड़कर खुले में मलबा और कूड़ा डालने वालों पर 24 अप्रैल तक 45 लाख 21 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया है। इसमें से टीमों ने 25 लाख 500 रुपये जुर्माना राशि वसूल की है। चार माह में टीम ने मलबा डालने वालों के खिलाफ 29 मुकदमे दर्ज करवाए हैं और 33 वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई की है। इसके अलावा टीम ने शहर में प्रतिबंधित प्लास्टिक बेचने वालों पर कार्रवाई करते हुए 29 लाख 98 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इसमें से टीम द्वारा 24 लाख 58 हजार रुपये की जुर्माना राशि वसूल हो पाई है।
12 टीमें शहर में दौड़ा रहीं 21 गाड़ियां
समीक्षा बैठक में खुलासा हुआ है कि नगर निगम ने दिन-रात के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया हुआ है। यह 12 टीमें आठ-आठ घंटों की तीन शिफ्टों में चारों जोन में निगरानी करती है। नियमों के अनुसार, 12 टीमों के पास चार ही गाड़ियां होनी चाहिए, क्योंकि एक समय समय में सिर्फ चार टीमें ही फील्ड में काम करती है, जबकि निगम ने 12 टीमों को 21 बुलेरो गाड़ियां सौंपी हुई हैं। निगम द्वारा एक बुलेरो गाड़ी पर एक माह में करीब 60 हजार रुपये का खर्च पड़ता है। 21 गाड़ियों का एक माह में 12 लाख 60 हजार रुपये खर्च वहन निगम द्वारा किया जाता है। टीम को इन गाड़ियों को दौड़ाते हुए चार माह हो गए हैं। चार माह में 21 गाड़ियों पर निगम ने 50 लाख 40 हजार रुपये खर्च किए हैं।
गनमैन पर भी खर्च हो रहे लाखों रुपये
नगर निगम ने 12 टीमों को गश्त के दौरान 12 गनमैन भी सौंपे हुए हैं। यह सभी गनमैन 12 टीमों के साथ में रहते हैं। एक गनमैन को निगम की तरफ से 40 हजार रुपये का वेतन दिया जा रहा है। एक माह में चार लाख 80 हजार रुपये का वेतन इन गनमैनों को निगम द्वारा दिया जा रहा है। बीते चार माह में निगम द्वारा इन सभी गनमैन को 19 लाख 20 हजार रुपये का वेतन दिया जा चुका है।
महावीर प्रसाद, अतिरिक्त निगमायुक्त, नगर निगम, गुरुग्राम, ''एसएसएफ की टीमों द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा की गई है। इसमें ज्यादा वाहनों और कर्मचारियों को लगाया हुआ है, इसलिए जल्द ही टीम को सीमित करके खर्चों को काम किया जाएगा।''