'हिंसा महापाप है' पर प्रवचन दे रहा था 50 से ज्यादा कत्ल करके मगरमच्छों को खिलाने वाला 'डॉक्टर डेथ'
Doctor Death Arrest News:पुजारी का वेश धारण करने वाले ‘डॉक्टर डेथ’ की पुष्टि के लिए पुलिस टीम के सदस्य श्रद्धालु बनकर उसके करीब पहुंचे। आश्रम में कुछ दिन बिताए। हत्या के सात मामलों में उम्रकैद और एक मामले में फांसी की सजा होने के बाद देवेंद्र शर्मा ने हर हाल में भागना चाहता था।

Doctor Death News:दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़े सीरियल किलर ‘डॉक्टर डेथ’ के नाम से कुख्यात आर्युवेदिक डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने फरारी के दौरान अलग-अलग स्थानों पर छिपने के लिए ठिकाने बनाए थे। दिल्ली पुलिस जब राजस्थान के दौसा स्थित आश्रम पहुंची तो वह श्रद्धालुओं को प्रवचन दे रहा था कि जीव हिंसा महापाप है और इसका कोई प्रायश्चित नहीं है।
पुजारी का वेश धारण करने वाले ‘डॉक्टर डेथ’ की पुष्टि के लिए पुलिस टीम के सदस्य श्रद्धालु बनकर उसके करीब पहुंचे। आश्रम में कुछ दिन बिताए। हत्या के सात मामलों में उम्रकैद और एक मामले में फांसी की सजा होने के बाद देवेंद्र शर्मा ने हर हाल में भागना चाहता था। अगस्त 2023 में पैरोल मिलने के बाद वह फरार हो गया था। पुलिस से बचने के लिए दिल्ली, जयपुर, अलीगढ़,आगरा और प्रयागराज में ठिकाने बदलता रहता था। क्राइम ब्रांच उसके पीछे पड़ी थी।
गिरफ्तारी से बचने के लिए आखिरी वक्त तक उसने पुलिस टीम से यह कहकर बचने का प्रयास किया कि वह ‘डॉक्टर डेथ’ नहीं है। उसने पुलिस को धर्म का हवाला देते हुए भरसक बरगलाने का प्रयास किया। पुलिस ने मौके पर ही डोजियर (आरोपी के क्राइम रिकार्ड) में दर्ज उसके आइडेंटिटी मार्क का मिलान किया। डोजियर में दर्ज मार्क से मिलान होने पर दिल्ली ने दौसा से गिरफ्तार कर लिया।
टीम ने छह माह में छह स्थानों पर छापा मारा
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के मुताबिक, देवेंद्र शर्मा की तलाश में दिल्ली में उसके दो ठिकानों पर दबिश दी गई, लेकिन उसका कुछ पता नही चला। जानकारी मिली कि वह अलीगढ़ गया है। एक टीम ने अलीगढ़ पहुंची, वहां से उसकी लोकेशन जयपुर पता चली। जयपुर में नहीं मिलने पर टीम आगरा और फिर प्रयागराज पहुंची, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इस तरह से क्राइम ब्रांच की जांच करीब छह महीने तक चलती रही। इस बीच ही टीम को उसके प्रयागराज से दौसा के आश्रम पहुंचने की जानकारी मिली। पुलिस टीम सादी वर्दी में राजस्थान के दौसा में पहुंची तो वहां पर वह पुजारी के वेश में एक आश्रम में छिपा हुआ था।
पुष्टि करने के लिए टीम आश्रम में डटी रही
पुलिस सूत्रों की मानें तो पेरोल की समय-सीमा समाप्त होने के कुछ दिन तक पहले देवेंद्र शर्मा अलीगढ़ चला गया था। जैसे ही महाकुंभ आया तो कुछ दिनों के लिए प्रयागराज चला गया। वहीं पर उसे पुजारी बनने का आइडिया आया। इसके बाद इसने पुजारी का चोला ओढ़ा और राजस्थान के दौसा स्थित आश्रम से महाकुंभ में प्रयागराज पहुंचे लोगों के बीच रहने लगा। अच्छी जान-पहचान होने के बाद उनके साथ ही दौसा के आश्रम पहुंचा और पुजारी बनकर आश्रम में रहकर लोगों को उपदेश देने लगा।