दिल्ली विधानसभा में लगेंगी इन 3 महापुरुषों की तस्वीरें, सलाह ना मानने को लेकर BJP पर भड़की AAP
सामान्य प्रयोजन समिति की बैठक में सर्वसम्मति से एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें वीर सावरकर, महर्षि दयानंद सरस्वती और पंडित मदन मोहन मालवीय जी की तस्वीरें विधानसभा परिसर में लगाई जाएंगी।

दिल्ली विधानसभा परिसर में जल्द ही वीर सावरकर, महर्षि दयानंद सरस्वती और पंडित मदन मोहन मालवीय जैसे महापुरुषों की तस्वीरें लगाई जाएंगी। इस बारे में जानकारी देते हुए विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि इस बात का फैसला बुधवार को हुई सामान्य प्रयोजन समिति की बैठक के में लिया गया। मीटिंग की अध्यक्षता करने वाले गुप्ता ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से राष्ट्रीय प्रतीकों को सम्मानित करने का प्रस्ताव पारित किया गया और इन महापुरुषों की तस्वीरें विधानसभा परिसर में लगाने का फैसला लिया गया। बैठक में आम आदमी पार्टी के दो विधायक भी मौजूद थे, जिन्होंने दावा किया कि वहां उन्होंने सावित्री बाई फुले का चित्र लगाने का प्रस्ताव भी दिया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। इस बात को लेकर आम आदमी पार्टी ने नाराजगी भी जताई। हालांकि अधिकारियों ने उनके दावे को खारिज करते हुए इसकी वजह बताई।
बैठक में हुए फैसले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय ने एक बयान भी जारी किया, जिसमें कहा गया कि 'सामान्य प्रयोजन समिति ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक सुधार और शैक्षिक पुनर्जागरण में तीनों महापुरुषों के योगदान को मान्यता देते हुए दिल्ली विधानसभा परिसर में उनके चित्र लगाने का संकल्प लिया है।
बयान में आगे कहा गया कि यह निर्णय सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य अभय वर्मा द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के आधार पर लिया गया, जिन्होंने कहा कि विधानसभा परिसर में चित्रों के साथ इन प्रतीकों को सम्मानित करना उनकी स्थायी विरासत के लिए एक उचित श्रद्धांजलि होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि यह फैसला भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा और देशभक्ति, सेवा और लोकतांत्रिक आदर्शों के मूल्यों को मजबूत करेगा।
उधर इस बैठक के बाद AAP विधायक कुलदीप कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और दावा किया कि बैठक में मौजूद रहे सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य व सीमापुरी विधायक वीर सिंह धींगान और सीलमपुर विधायक चौधरी जुबैर अहमद ने विधानसभा में माता सावित्रीबाई फुले की तस्वीर लगाने का प्रस्ताव भी रखा था, लेकिन बीजेपी ने इस प्रस्ताव को ना पारित किया और ना स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि 'इससे पहले बीजेपी ने बाबा साहेब अंबेडकर जी की तस्वीर भी हटा दी थी, बीजेपी की मानसिकता हमेशा ही महान लोगों का अपमान करने की रही है।' उधर पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने भी इस प्रस्ताव को ना मानने को लेकर भाजपा पर दलित विरोधी, महिला विरोधी और शिक्षा विरोधी होने का आरोप लगाया।
अधिकारियों ने खारिज किया AAP विधायकों का दावा
हालांकि, विधानसभा अधिकारियों ने AAP के दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि समिति में शामिल आम आदमी पार्टी के विधायकों ने अपने प्रस्ताव के बारे में लिखित में कोई पूर्व सूचना नहीं दी और बैठक के दौरान केवल मौखिक रूप से मांग उठाई। उन्होंने बताया कि अध्यक्ष ने मीडिया को दिए गए उनके भ्रामक बयान का संज्ञान लिया है और इस संबंध में आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेंगे।