11 साल पहले डॉ. डेथ ने जेल में रहकर व्यापारी पर चलवाई थी गोली
Aligarh News - फोटो : - छर्रा के एक व्यापारी को गोली मरवाने के दो दिन

अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। देशभर में डॉक्टर डेथ के नाम से चर्चित छर्रा के गांव पुरैनी के रहने वाले डॉ. देवेंद्र शर्मा ने कई राज्यों में अपने अपराध का खौफ फैला दिया था। छर्रा थाने में उसकी हिस्ट्रीशीट में 19 मुकदमों की फेहरिस्त है। इसमें 11 साल पहले वर्ष 2014 में छर्रा के एक व्यापारी को उसने राजस्थान की जेल में रहने के दौरान गोली मरवाई थी। दो दिन उससे रंदगारी भी मांगी। दोनों मामलों में अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए। न्यायालय में चार्जशीट दाखिल हुई। लेकिन, भागदौड़ के चलते व्यापारी ने मुकदमे खत्म करा दिए। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा कुख्यात अपराधी डॉ. देवेंद्र शर्मा टैक्सी चालकों की हत्या कर मगरमच्छों को खिला देता था।
उस पर दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में दर्जनों टैक्सी चालकों की हत्या करने के साथ 1994 से 2004 के बीच अवैध रूप से 125 से अधिक किडनी प्रत्यारोपण करवाने का भी आरोप है। वर्ष 2005 में छर्रा थाने में उसकी हिस्ट्रीशीट खोली गई। इसमें सबसे पहले 1994 में थाना बरला में जानलेवा हमला व धोखाधड़ी के दो मुकदमे हुए। इसके बाद वृंदावन (मथुरा) व हाथरस के सासनी में हत्याएं कीं। 1996 में शाहजहांपुर में लूट, 2001 में अमरोहा में धोखाधड़ी, 2002 में राजस्थान के दौसा में चोरी करने के लिए मौत, 2002 में फरीदाबाद व नई दिल्ली में फिरौती, इसी साल एटा में किडनी ट्रांसप्लांट के आरोप में मुकदमे दर्ज हुए। इसी तरह फरीदाबाद, हिंडौन सिटी में फिरौती व हत्याओं का मुकदमा हुआ। एक मुकदमा थाना अतरौली में भी हत्या का दर्ज हुआ, जो बाद में बुलंदशहर में ट्रांसफर हो गया था। अतरौली में तब डॉ. देवेंद्र एक गाड़ी के साथ पकड़ा गया था, जिसमें शव भी था। 2005 के बाद से वह तभी से वह जयपुर जेल में था। छह दिन छर्रा थाने में लगाई था हाजिरी जयपुर जेल से 2020 में डॉ. देवेंद्र 20 दिन की पैरोल पर बाहर आया था। 28 जनवरी से 16 फरवरी 2020 तक छर्रा थाने में उसने रोजाना हाजिरी लगाई। इस दौरान अपने हिस्से की साढ़े सात बीघा जमीन बेच दी थी। पैरोल की अवधि समाप्त होने पर आखिरी दिन सूचना दी और जयपुर जाने की कहकर चला गया। वह जयपुर जेल नहीं पहुंचा। जब वह नहीं पहुंचा, तब तलाश शुरू हुई थी। बाद में फिर से उसे पकड़ा गया था। नौ जून 2023 को देवेंद्र शर्मा दो माह के पैरोल पर तिहाड़ जेल से बाहर आया, लेकिन समय पर सरेंडर नहीं किया और फरार हो गया। हजारा नगर में फेंकता था शव कासगंज में हजारा नहर में डॉक्टर ने कुछ शवों को ठिकाने लगाया था। यहां मगरमच्छ काफी संख्या में पाए जाते रहे हैं। वर्ष 2018-2019 में हुई गणना में भी नहर में 48 मगरमच्छ पाए गए थे। विधवा से की थी शादी देवेंद्र ने बिहार के सिवान से बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी की डिग्री ली थी। पैरोल पर बाहर आने के बाद पुलिस से बचने के लिए दिल्ली में एक विधवा से शादी की और उसके साथ रहते हुए प्रॉपर्टी का काम करने लगा। गांव का मकान बना खंडहर गांव में देवेंद्र का घर खंडहर में तब्दील हो गया। यहां वर्षों से कोई नहीं आया। देवेंद्र के छोटे भाई सुरेंद्र है, जो सीआईएसएफ में दरोगा हैं। लेकिन, भाई की करतूत के चलते उससे दूरी बना ली। यहां तक त्योहारों पर भी कोई नहीं आता। उसके परिवार के बुजुर्ग जरूर यहां रहते हैं। बुधवार को गांव में दिनभर इसी की चर्चा होती रहीं। गांव के लोगों का कहना है कि देवेंद्र ने गांव में आज तक किसी से झगड़ा नहीं किया। वह गांव में सभी से मिलकर रहता था। हालांकि उसके अपराध के रास्ते को सभी ने गलत बताया। -------------------
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