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दिल्ली सीलिंग: मनोज तिवारी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही पर SC में सुनवाई पूरी, फैसला बाद में

सुप्रीम कोर्ट ने कथित रूप से एक मकान की सील तोड़ले के मामले में दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के मामले में मंगलवार को सुनवाई पूरी कर ली। कोर्ट...

नई दिल्ली | एजेंसी Tue, 30 Oct 2018 04:36 PM
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दिल्ली सीलिंग: मनोज तिवारी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही पर SC में सुनवाई पूरी, फैसला बाद में

सुप्रीम कोर्ट ने कथित रूप से एक मकान की सील तोड़ले के मामले में दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के मामले में मंगलवार को सुनवाई पूरी कर ली। कोर्ट इस पर आदेश बाद में देगा। गोकलपुरी इलाके में स्थित इस मकान को पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) ने सील किया था।

जस्टिस मदन बी. लोकुर, जस्टिस एस. अब्दुल नजीर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बैंच ने मनोज तिवारी और सीलिंग मामले में निगरानी समिति के वकीलों की दलीलें सुनीं और कहा कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जाएगा। मनोज तिवारी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने बैंच से कहा कि निगरानी समिति उन अनधिकृत कॉलोनियों में सीलिंग अभियान चलाकर दिल्ली की जनता को भयभीत करना चाहती है जिन्हें वास्तव में कानून के तहत संरक्षण प्राप्त है।

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हालांकि, निगरानी समिति के वकील ने इस दावे को गलत बताया और कहा कि समिति प्रचार नहीं चाहती और उसके सदस्य सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें सौंपे गए कार्य का सिर्फ निष्पादन कर रहे हैं। 

— ANI (@ANI) October 30, 2018

न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी को 19 सितंबर को अवमानना का नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने 12 अक्टूबर को तिवारी से कहा कि वह अपने पहले वाले वकील का अनापत्ति प्रमाण पत्र पेश करें। इस मामले में सुनवाई के दौरान तिवारी के वकील ने कहा था कि प्राधिकारियों को गोकलपुरी के इस परिसर को सील नहीं करना चाहिए था।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में अपने जवाब में कहा था कि उन्होंने पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के अधिकारियों की गैरकानूनी कार्रवाई के खिलाफ 'प्रतीकात्मक विरोध' में सील तोड़ी थी और वह सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के अनुरूप 'सीलिंग अधिकारी' की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। तिवारी ने यह भी कहा था कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के किसी भी आदेश की अवमानना नहीं की थी।

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तिवारी ने प्राधिकारियों पर सीलिंग के लिए 'मनमाना तरीका' अपनाने का आरोप लगाते हुए सवाल किया था कि ओखला, जामिया, शाहीन बाग, नूर नगर, जौहरी फार्म्स जैसे इलाकों में कार्रवाई क्यों नहीं की जहां चार से सात मंजिला इमारतें हैं। गोकलपुरी इलाके में एक मकान की सील तोड़ने के आरोप में पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।