भारत में सब्सिडी वाली कई सरकारी स्कीम का लाभ ले रहे हजारों बांग्लादेशी, दिल्ली पुलिस का खुलासा
बांग्लादेशी नागरिकों पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई में बड़ा खुलासा हुआ है। दिल्ली समेत अन्य राज्यों में अवैध रूप से रह रहे हजारों बांग्लादेशी सब्सिडी वाली योजनाओं का लाभ ले रहे थे। पुलिस ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में इस संबंध में एफआईआर दर्ज की है।

बांग्लादेशी नागरिकों पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई में बड़ा खुलासा हुआ है। दिल्ली समेत अन्य राज्यों में अवैध रूप से रह रहे हजारों बांग्लादेशी सब्सिडी वाली योजनाओं का लाभ ले रहे थे। पुलिस ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में इस संबंध में एफआईआर दर्ज की है। जांच में सामने आया कि गैंग के सरगना चांद मियां ने देशभर में हजारों की संख्या में बांग्लादेशी नागरिकों को बसाया है। आरोपी उन्हें भारत लाकर नौकरी दिलाता था।
फिलहाल पुलिस गैंग के लोगों से पूछताछ कर अन्य आरोपियों की पहचान और उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। डीसीपी रवि कुमार ने बताया कि इंस्पेक्टर विष्णु दत्त की टीम ने असलम से पूछताछ के बाद उसके गिरोह के बांग्लादेशी नागरिक चांद मियां, मोहम्मद अली हुसैन, मोहम्मद मिजान, फतिमा, रैडिश मुल्ला और भारतीय नागरिकों में रंजन कुमार, लुकमान, मोहम्मद अनीस, रहीसुद्दीन अली, शब्बीर अली गिरफ्तार किया। रंजन कुमार, मोहम्मद अनीस, और शब्बीर अली आधार कार्ड बनाने का काम करते थे।
इन धाराओं में एफआईआर
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों पर बीएनएस की धारा 318(2)/319(2)/336/337/338/61(1)(ए), 14 विदेशी अधिनियम और 34 आधार (वित्तीय और अन्य सब्सिडी, लाभ और सेवाओं का लक्षित वितरण) अधिनियम 2016 के तहत न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
डेढ़ माह तक गुवाहाटी में रही पुलिस टीम : डीसीपी ने बताया कि इंस्पेक्टर विष्णु दत्त की टीम को असलम से पूछताछ के बाद चांद मियां के बारे में सूचना मिली। पुलिस ने उसका पीछा शुरू किया, लेकिन वह बांग्लादेश बॉर्डर पार कर गया। इसके बाद एसआई सत्यनारायण, एसआई सुधीर और एएसआई उपेंद्र की एक टीम को करीब डेढ़ माह तक गुवाहाटी में रहकर चांद मियां और उसके नेटवर्क की जानकारी जुटाने का काम दिया गया। इसी टीम ने चांद मियां को बांग्लादेश से भारत लौटते हुए ट्रेन में ट्रैक किया।
भारतीय नागरिक दस्तावेज तैयार करते थे : दिल्ली में रंजन कुमार, मोहम्मद अनीस, शब्बीर अली बांग्लादेशी नागरिकों के फर्जी आधार कार्ड तैयार करते थे। वहीं, रहीसुद्दीन अली जन्म और जाति प्रमाण-पत्र तैयार करता था। बांग्लादेशी नागरिकों को यह दस्तावेज और मोबाइल की सिम कार्ड आरोपी देते थे। चांद की निशानदेही पर दिल्ली पुलिस की टीम ने चेन्नई स्थित विभिन्न गोदामों पर छापेमारी की। वहां से 33 बांग्लादेशी नागरिकों को नौकरी करते पकड़ा गया।
अवैध रूप से रह रही छह बांग्लादेशी महिलाएं पकड़ी : पूर्वी दिल्ली की मंडावली पुलिस ने भी गत दिनों अवैध रूप से भारत में रह रही छह बांगलादेशी महिलाओं को पकड़ा है। पुलिस ने इन सभी महिलाओं को वापस बांग्लादेश भेजने के लिए डिपोर्टेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है।
भारत में नौकरी दिलाने के लिए लेकर आता था
जांच में सामने आया है कि 55 वर्षीय चांद मियां चार साल की उम्र में भारत आया था। वह पिछले 12 साल से बांग्लादेशी नागरिकों को बसाने का काम कर रहा है। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह पहले दिल्ली के सीमापुरी और फिर तैमूर नगर में रहता था। कुछ साल पहले चेन्नई शिफ्ट हो गया। यहां उसने गोदाम और दुकान चलाने वाले लोगों से समझौता किया, जिसके तहत वह कमीशन पर उन्हें मजदूर लाकर देता था। आरोपी ने बताया कि वह हर माह तीन बार बांग्लादेश जाता था और वहां से हर बार 8 से 10 बांग्लादेशी नागरिकों को अपने साथ लेकर आता था।
बांग्लादेशियों को ‘भारतीय’ बनाने वाला गिरोह पकड़ा, 51 गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस के एंटी नारकोटिक्स स्क्वॉड ने भारत में बांग्लादेशी नागरिकों को बसाने वाले गैंग के 11 सदस्यों सहित 51 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें पांच भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। गैंग के सरगना चांद मियां ने बताया कि उसका गैंग बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में अवैध रूप से प्रवेश, फर्जी दस्तावेज बनवाने और रोजगार दिलाने में मदद करता था। कई बांग्लादेशी ऐसे भी पकड़े गए, जो भारत सरकार से सरकारी योजनाओं की सब्सिडी भी लेते थे। पुलिस ने पूछताछ के बाद चेन्नई से भी 33 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है। इसके अलावा सौ से ज्यादा बांग्लादेशी और एजेंट पुलिस की जांच के दायरे में हैं। इसके अलावा ट्रेन से 8 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ कर डिपोर्ट करने के लिए एफआरआरओ को सौंप दिया गया है।
डीसीपी रवि कुमार ने बताया कि 12 मार्च को पुलिस को सूचना मिली थी कि पहाड़ी नंबर 2, तैमूर नगर में एक बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहा है। पुलिस ने आरोपी 25 वर्षीय असलम उर्फ XXमासूम को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की। पूछताछ में उसने बताया कि वह बांग्लादेश के नोआखली इलाके का रहने वाला है। पुलिस ने उसके पास से भारत का आधार कार्ड और बांग्लादेशी आईडी जब्त किए हैं।