पानी की चोरी पर लगाम, दिल्ली के लोग जान पाएंगे कहां पहुंचा टैंकर; रूट बदलते ही पकड़ा जाएगा ड्राइवर
दिल्ली जल बोर्ड ने पानी की चोरी पर सख्ती की तैयारी पूरी कर ली है। टैंकर चालक ने अगर तय रास्ते को छोड़ा और रूट बदला तो तकनीक के जरिए उसे पकड़ लिया जाएगा। लोग टैंकर का भी पता लगा सकेंगे

दिल्ली जल बोर्ड ने पानी की चोरी पर सख्ती की तैयारी पूरी कर ली है। टैंकर चालक ने अगर तय रास्ते को छोड़ा और रूट बदला तो तकनीक के जरिए उसे पकड़ लिया जाएगा। लोग टैंकर का भी पता लगा सकेंगे। दिल्ली जल बोर्ड ने इसके लिए सभी 1100 टैंकरों में जीपीएस सिस्टम लगाने का काम पूरा करने के साथ एंड्रॉयड मोबाइल के लिए ऐप तैयार करा लिया है। अब आईफोन के लिए मोबाइल ऐप तैयार कराया जा रहा है।
दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि जल्द दोनों ऐप को दिल्ली की जनता के लिए सार्वजनिक कर दिया जाएगा। इन मोबाइल ऐप के जरिए पानी के टैंकरों की लोकेशन ट्रेस की जा सकेगी। ऐप से ही लोगों को पता चल जाएगा कि उनके मोहल्ले में पानी का टैंकर कितनी देर में पहुंचने वाला है। दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि टैंकरों में जीपीएस सिस्टम का ट्रायल भी किया जा चुका है। पानी की चोरी को रोकने के लिए तैयार सिस्टम को अप्रैल के अंत तक शुरू करने की तैयारी की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के आम नागरिक और आरडब्ल्यूए संगठन भी मोबाइल ऐप के माध्यम से टैंकर को ट्रैक कर सकेंगे।
सभी स्थलों के डाटा को मोबाइल ऐप में अपलोड किया गया
दिल्ली में उन सभी स्थलों के डाटा को मोबाइल ऐप में अपलोड किया गया है जहां से टैंकरों में पानी भरा जाता है। इसके अलावा जिन स्थलों पर टैंकर जाकर पानी की सप्लाई करते हैं, उनका डाटा बेस भी तैयार किया गया है। जियो टैगिंग के साथ तैयार किए गए इस डाटा के आधार पर ही यह निगरानी सिस्टम काम करेगा और इसी के आधार पर टैंकरों के लिए रूट निर्धारित किए गए हैं। अलग-अलग वार्ड के आधार पर लोग इन टैंकरों की ट्रैकिंग कर सकेंगे।
तकनीक इस तरह काम करेगी
पानी के टैंकरों में लगे जीपीएस को मोबाइल ऐप से कनेक्ट किया जाएगा। लोग मोबाइल ऐप डाउनलोड करके उसमें अपने वार्ड का चयन करेंगे। इसके बाद अपने आसपास के ऐसे प्वॉइंट का चुनाव करेंगे, जहां पानी का टैंकर आकर खड़ा होता है और पानी की डिलीवरी की जाती है। इस तरह की कुछ लोकेशन की जानकारी ऐप में दर्ज कराने के बाद यह बता देगा कि उनकी लोकेशन पर किस फिलिंग स्टेशन से टैंकर पहुंचेगा और वह अभी किस जगह पर है।