कहां हैं गाजियाबाद के डेढ़ हजार सफाईकर्मी? सैलरी लेकर हो जाते हैं गायब, अब होगी जांच
गाजियाबाद नगर निगम से हर माह वेतन ले रहे डेढ़ हजार सफाई कर्मचारी ड्यूटी से गायब हैं। गाजियाबाद 311 ऐप पर साढ़े चार हजार में से लगभग तीन हजार कर्मचारी ही ड्यूटी स्थल पर जाकर हाजिरी लगा रहे हैं। डेढ़ हजार सफाई कर्मचारियों की जांच कराई जाएगी।

गाजियाबाद नगर निगम से हर माह वेतन ले रहे डेढ़ हजार सफाई कर्मचारी ड्यूटी से गायब हैं। गाजियाबाद 311 ऐप पर साढ़े चार हजार में से लगभग तीन हजार कर्मचारी ही ड्यूटी स्थल पर जाकर हाजिरी लगा रहे हैं। ऐसे में निगम अधिकारी मान रहे हैं गायब सफाई कर्मचारी या तो ड्यूटी पर नहीं आते या उनके नाम का वेतन गलत तरीके से कोई और ले रहा है। डेढ़ हजार सफाई कर्मचारियों की जांच कराई जाएगी।
शहर के सभी 100 वार्डों में साढ़े चार हजार सफाई कर्मचारी लगाए हैं। ज्यादातर सफाई कर्मचारी ठेके पर हैं। इसके बावजूद पार्षद वार्डों में पर्याप्त सफाई कर्मचारी न होने की शिकायत कर रहे हैं। बोर्ड बैठक में भी पार्षद वार्डों में अतिरिक्त सफाई कर्मचारी लगाने की मांग करते रहे हैं। सफाई कर्मचारी कम होने की वजह से पार्षद वार्डों में नियमित सफाई नहीं होने की शिकायत भी कर रहे हैं।
निगम ने करीब एक साल पहले गाजियाबाद 311 ऐप लांच किया था। इसमें सभी विभाग के कर्मचारियों के लिए ड्यूटी स्थल पर हाजिरी लगाने के आदेश जारी हुए थे। ऐप पर हाजिरी लगाने के साथ ही लोकेशन का पता चलता है। मोबाइल पर संबंधित कर्मचारी के पलकों के झपकने से ही ऐप खुलता है, लेकिन एक साल के दौरान ऐप पर तीन हजार से ज्यादा सफाई कर्मचारी हाजिरी नहीं लगा सके हैं। जबकि नगर आयुक्त ने ऐप पर ही हाजिरी लगाने के कई बार आदेश जारी किए हैं।
पिछले दिनों समीक्षा के दौरान पता चला कि काफी प्रयास करने के बाद भी ऐप पर हाजिरी लगाने वालों का आंकड़ा नहीं बढ़ रहा है। यानी की लगभग तीन हजार सफाई कर्मचारी ही ऐप पर हाजिरी लगा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि डेढ़ हजार सफाई कर्मचारी कहां है। इनका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। जबकि उनका वेतन भी निकल रहा है। वेतन लेकर गायब सफाई कर्मचारियों की तलाश की जाएगी।
खेल में कई लोग शामिल
निगम सूत्रों ने बताया कि कुछ लोगों ने कागजों में अपने रिश्तेदारों को भर्ती करा रखा है। कई के बेटे और बेटी भी नौकरी कर रहे हैं। उनके नाम से वेतन लिया जा रहा है। जबकि ये ड्यूटी पर नहीं आते, घरों पर ही रहते हैं। इन लोगों की पूर्व में तत्कालीन नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर से शिकायत हुई थी। उन्होंने शिकंजा कसना शुरू किया था, लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ सका। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
मालियों की जांच होगी
सफाई कर्मचारियों के अलावा उद्यान विभाग के माली भी जांच के दायरे में हैं। उद्यान विभाग में स्थाई और अस्थाई 1250 माली हैं, लेकिन ऐप पर इनकी भी शत-प्रतिशत हाजिरी नहीं लग रही है। ऐसे में माली भी जांच के दायरे में आ गए हैं। अधिकारियों ने सबकी जांच करने की बात कही है।
सुपरवाइजर भी निशाने पर
हर वार्ड में सफाई कर्मचारियों पर एक सुपरवाइजर और सफाई निरीक्षक रहते हैं। उनकी संस्तुति पर ही वेतन जारी किया जाता है। आरोप लगाया गया है कि कुछ सुपरवाइजर सफाई कर्मचारियों का वेतन हड़प रहे हैं। यदि उनकी जांच होती है तो कई के नाम का खुलासा होगा।