अगर आप भी Paytm, PhonePe या Google Pay जैसे UPI ऐप्स से पेमेंट करते हैं और हाल ही में आपके ट्रांजैक्शन बार-बार फेल हो रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारत सरकार ने डिजिटल पेमेंट फ्रॉड को रोकने के लिए एक नया सिस्टम लॉन्च किया है, जिसके तहत कुछ मोबाइल नंबरों को "रिस्की" यानी जोखिम भरा मानते हुए उन पर UPI ट्रांजैक्शन को ब्लॉक किया जा रहा है।
ये नंबर वो हैं जिन पर या तो साइबर फ्रॉड की शिकायतें मिली हैं या फिर जिनका व्यवहार संदिग्ध पाया गया है जैसे बार-बार डिवाइस बदलना, गलत KYC देना, या फर्जी QR कोड से जुड़ाव। इस फैसले का उद्देश्य है कि किसी यूजर के खाते से पैसा कटने से पहले ही फ्रॉड को रोका जाए। भारत में UPI फ्रॉड तेजी से बढ़ा है जैसे कि नकली QR कोड, फर्जी UPI हैंडल आदि। इसलिए ये नया सिस्टम जरूरी है ताकि फ्रॉड को समय से पहले रोका जा सके।
अब इस सिस्टम के तहत, कुछ मोबाइल नंबरों को “फ्रॉड रिस्क” के आधार पर Medium, High या Very High कैटेगरी में डाला जाएगा। ऐसे नंबरों पर UPI ट्रांजैक्शन रोके या लिमिट किए जा सकते हैं।
अगर किसी मोबाइल नंबर से लगातार फ्रॉड की शिकायतें आई हैं, या वह नंबर बार-बार नए फोन या SIM में इस्तेमाल हो रहा है, तो ऐसे नंबरों को सिस्टम 'सस्पेक्टेड' यानी संदेहास्पद मान सकता है। या जिन नंबरों के खिलाफ साइबर क्राइम की शिकायतें दर्ज हैं, गलत KYC डिटेल्स दी गई हैं, बार-बार OTP/UPI PIN फेल हुआ है, उन पर UPI ट्रांजैक्शन ब्लॉक किया जा सकता है।
Paytm, PhonePe, Google Pay जैसे बड़े UPI ऐप्स और बैंक इस सिस्टम का हिस्सा हैं। इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए भारत में 90% से ज्यादा UPI ट्रांजैक्शन होते हैं, तो असर काफी बड़ा हो सकता है।
इस वक्त कोई सार्वजनिक लिस्ट नहीं है जिससे आप सीधे जान सकें कि आपका नंबर ब्लॉक हुआ है या नहीं। लेकिन अगर आप नीचे दिए गए लक्षण देख रहे हैं, तो सतर्क हो जाइए: लगातार UPI फेल हो रहा है, "Transaction under review" या "Could not process" जैसे मैसेज आ रहे हैं, QR कोड स्कैन करने पर भी पेमेंट नहीं हो पा रहा तो ऐसी स्थिति में अपने बैंक या UPI ऐप की हेल्पलाइन से संपर्क करें।
ऐप से लॉगआउट करें और दोबारा लॉगिन करें। इसके बाद अपना KYC और बैंक डिटेल्स अपडेट कराएं। SIM को उसी डिवाइस में रखें जिसमें आपने ऐप इंस्टॉल किया है। फिर भी दिक्कत रहे तो अपने बैंक के नोडल अधिकारी या NPCI को शिकायत करें।