After attack on priests, Jinamata temple in Rajasthan will be closed indefinitely from tomorrow पुजारियों पर 'हमले' के बाद राजस्थान में जीणमाता मंदिर कल से अनिश्चितकाल के लिए बंद- क्या था मामला?, Rajasthan Hindi News - Hindustan
Hindi Newsराजस्थान न्यूज़After attack on priests, Jinamata temple in Rajasthan will be closed indefinitely from tomorrow

पुजारियों पर 'हमले' के बाद राजस्थान में जीणमाता मंदिर कल से अनिश्चितकाल के लिए बंद- क्या था मामला?

  • हालांकि, इस दौरान गर्भगृह में 'आरती' और अन्य दैनिक अनुष्ठान हमेशा की तरह जारी रहेंगे। मंदिर में पुजारियों के साथ हुए कथित मारपीट और दुर्व्यवहार को लेकर पुजारियों और धार्मिक लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

Ratan Gupta हिन्दुस्तान, पीटीआई, सीकरThu, 10 April 2025 08:19 PM
share Share
Follow Us on
पुजारियों पर 'हमले' के बाद राजस्थान में जीणमाता मंदिर कल से अनिश्चितकाल के लिए बंद- क्या था मामला?

राजस्थान के सीकर जिले में स्थित झिनमाता मंदिर पिछले सप्ताह अपने पुजारियों पर हुए "हमले" के विरोध में 11 अप्रैल से अनिश्चित काल के लिए जनता के लिए बंद रहेगा। इसकी जानकारी मंदिर के ट्रस्ट के एक सदस्य ने दी। हालांकि, इस दौरान गर्भगृह में 'आरती' और अन्य दैनिक अनुष्ठान हमेशा की तरह जारी रहेंगे। मंदिर में पुजारियों के साथ हुए कथित मारपीट और दुर्व्यवहार को लेकर पुजारियों और धार्मिक लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

मंदिर ट्रस्ट, संतों और समुदाय के प्रमुख सदस्यों की संयुक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया। हाल ही में नवरात्रि मेले के दौरान कुछ लोगों ने पुजारियों के साथ मारपीट की थी। मंदिर ट्रस्ट के सदस्य राकेश कुमार ने बताया कि इस वजह से पुजारियों और मंदिर अधिकारियों में नाराजगी है।

ये भी पढ़ें:पत्नी ने दिव्यांग प्रेमी से कराई पति की हत्या; पहले पी बियर, फिर रेता गला

उन्होंने कहा कि घटना के बाद जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए 11 अप्रैल को सुबह 10 बजे से मंदिर को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि मंदिर दर्शन के लिए बंद रहेगा लेकिन गर्भगृह में दैनिक अनुष्ठान जारी रहेंगे। कुमार ने कहा कि पुजारी मंदिर परिसर में धरने पर बैठेंगे और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग करेंगे।

पुजारियों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें निशाना बनाकर पीटा था। पुलिस और प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा गया है कि मंदिर परिसर में पुलिस घुसी और पुजारियों के साथ दुर्व्यवहार किया था। पुजारियों के साथ मार-पीट की गई। उनकी धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाई गई। आरोप है कि मंदिर परिसर में तोड़-फोड़ भी हुई थी। इसके बाद धार्मिक संगठन के लोगों ने प्रदर्शन भी किया गया था।