जयपुर में IPL मैच के बाद विवाद, क्यों आमने-सामने RCA और खेल परिषद; किसकी क्या मांग
जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में राजस्थान रॉयल्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच 13 अप्रैल को हुए आईपीएल मुकाबले के बाद एक नया विवाद उभर कर सामने आया है। दोनों के बीच अधिकार और संसाधनों को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है।

सवाई मानसिंह स्टेडियम में राजस्थान रॉयल्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच 13 अप्रैल को हुए आईपीएल मुकाबले के बाद एक नया विवाद उभर कर सामने आया है। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) की एडहॉक कमेटी और राज्य खेल परिषद के बीच अब अधिकार और संसाधनों को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है।
RCA की नाराजगी, 10 लाख रुपए की मांग
RCA एडहॉक कमेटी के कन्वीनर और विधायक जयदीप बिहानी ने आरोप लगाया है कि आईपीएल मैच के आयोजन में RCA के संसाधनों, मशीनरी, स्टेडियम और कर्मचारियों का उपयोग किया गया, लेकिन इसके बदले RCA को कोई भुगतान नहीं मिला। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आगामी मैचों से पहले प्रति मैच 10 लाख रुपए का भुगतान नहीं किया गया, तो RCA अपनी मशीनरी और मैनपावर वापस ले लेगा।
खेल परिषद ने किया खंडन
विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान राज्य खेल परिषद के अध्यक्ष नीरज के पवन ने कहा कि इस बार BCCI ने आयोजन की जिम्मेदारी राज्य सरकार को सौंपी है। उनके अनुसार, BCCI, राजस्थान रॉयल्स और राज्य खेल परिषद के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ है, जिसके तहत आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने RCA की ओर से उठाए गए किराए की मांग की जांच करवाने की बात कही है।
‘कॉम्प्लीमेंट्री पास’ बना विवाद?
सूत्रों के मुताबिक, इस पूरे विवाद की शुरुआत कॉम्प्लीमेंट्री पास न मिलने से हुई थी। बताया जा रहा है कि पास की संख्या को लेकर RCA एडहॉक कमेटी नाराज थी और इस नाराजगी ने अब वित्तीय विवाद का रूप ले लिया है। जयदीप बिहानी ने राजस्थान रॉयल्स के वाइस प्रेसिडेंट राजीव खन्ना को सीधा संदेश भेजते हुए 10 लाख रुपए प्रति मैच की मांग रख दी।
यह विवाद राजस्थान रॉयल्स, RCA और खेल परिषद के बीच समन्वय की कमी को उजागर करता है। यदि समय रहते कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो आगामी मैचों के आयोजन पर भी इसका असर पड़ सकता है। अब नजरें BCCI और राज्य सरकार पर टिकी हैं कि वे इस मसले को कैसे हल करते हैं और RCA की भूमिका को किस तरह से औपचारिक रूप से मान्यता देते हैं। आईपीएल जैसे वैश्विक मंच पर स्थानीय क्रिकेट संगठनों और फ्रेंचाइजी के बीच स्पष्ट संवाद और पारदर्शिता की आवश्यकता है। मौजूदा हालात में यह विवाद आयोजनों की नींव को ही चुनौती देता नजर आ रहा है।