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ब्लड की भूल, जान पर भारी! जयपुर SMS अस्पताल में महिला की मौत से मचा हड़कंप

राजधानी जयपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह (एसएमएस) में उस वक्त हंगामा मच गया जब एक महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए।

Sachin Sharma लाइव हिन्दुस्तान, जयपुरFri, 23 May 2025 03:25 PM
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ब्लड की भूल, जान पर भारी! जयपुर SMS अस्पताल में महिला की मौत से मचा हड़कंप

राजधानी जयपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह (एसएमएस) में उस वक्त हंगामा मच गया जब एक महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। परिजनों का दावा है कि महिला को गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ा दिया गया, जिससे उसकी जान चली गई।

मामला टोंक जिले के निवाई कस्बे की रहने वाली 23 वर्षीय महिला का है, जिसे 12 मई को एसएमएस अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। महिला गर्भवती थी और उसे टीबी की बीमारी भी थी। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी हालत शुरू से ही नाजुक थी, उसे ऑक्सीजन सपोर्ट और बाद में बायपेप पर रखा गया। लेकिन जब स्थिति और बिगड़ गई तो उसे वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया।

डिलीवरी के बाद बिगड़ी तबीयत

19 मई को महिला की हालत को देखते हुए डॉक्टर्स ने वेंटिलेटर पर ही डिलीवरी करवाई। डिलीवरी के तुरंत बाद महिला का हीमोग्लोबिन गिर गया और उसे तुरंत ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ी। परिजन ब्लड लाने ब्लड बैंक पहुंचे, लेकिन यहीं से शुरू हुई बड़ी लापरवाही। सूत्रों के मुताबिक, डॉक्टरों द्वारा दी गई ब्लड पर्ची पर न तो ब्लड ग्रुप मेंशन था और न ही कोई सैंपल भेजा गया था। इसके बावजूद ब्लड बैंक ने बिना जांच के ही A+ ग्रुप का खून दे दिया, जबकि महिला का असली ब्लड ग्रुप B+ था।

ब्लड चढ़ते ही महिला के शरीर में कंपन

जैसे ही महिला को A+ ब्लड चढ़ाया गया, उसका शरीर कांपने लगा। एक से दो मिनट में ही यह रिएक्शन हुआ और डॉक्टरों को ब्लड सप्लाई रोकनी पड़ी। फिर से जांच हुई तो पता चला कि महिला का ब्लड ग्रुप B+ है। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। डॉक्टर्स का कहना है कि महिला पहले से ही गंभीर स्थिति में थी और फेफड़े काम करना बंद कर चुके थे।

जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी

एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने कहा है कि महिला की स्थिति शुरू से ही क्रिटिकल थी। यह जांच का विषय है कि गलत ब्लड चढ़ा या नहीं और अगर चढ़ा तो गलती किस स्तर पर हुई। उन्होंने आश्वासन दिया है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।

इस घटना के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई और परिजनों ने जमकर हंगामा किया। अब देखना यह है कि इस लापरवाही की जिम्मेदारी किस पर तय होती है और क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाएगा?

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