पार्टी का झंडा छोड़ो,आओ मेरे साथ! हनुमान बेनीवाल की युवाओं से भावुक अपील,जाने रैली से पहले क्या बोले बेनीवाल?
राजस्थान की सियासत और बेरोजगार युवाओं के आंदोलनों में उबाल अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। राज्य की चर्चित SI भर्ती विवाद के केंद्र में अब एक बड़ा जनांदोलन खड़ा होता नजर आ रहा है।

राजस्थान की सियासत और बेरोजगार युवाओं के आंदोलनों में उबाल अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। राज्य की चर्चित SI भर्ती विवाद के केंद्र में अब एक बड़ा जनांदोलन खड़ा होता नजर आ रहा है। रविवार, 25 मई को राजधानी जयपुर के मानसरोवर इलाके में 'युवा आक्रोश महारैली' का आयोजन किया जाएगा, जिसका नेतृत्व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल करेंगे।
यह रैली केवल एक भर्ती प्रक्रिया को रद्द करवाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राजस्थान के युवाओं की टूटती उम्मीदों, भ्रष्टाचार से त्रस्त चयन प्रक्रियाओं और शासन व्यवस्था की खामियों के खिलाफ एक संगठित आवाज बन रही है। रैली का उद्देश्य RPSC के पुनर्गठन, बेरोजगारी के मुद्दों और युवाओं की दशकों पुरानी उपेक्षा पर निर्णायक चोट करना है।
हनुमान बेनीवाल बीते कई दिनों से जयपुर के शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे हैं। अब उन्होंने इस संघर्ष को व्यापक रूप देने का ऐलान करते हुए प्रदेशभर के युवाओं से मानसरोवर में जुटने का आह्वान किया है। सोशल मीडिया और जनसंपर्क अभियानों के जरिए बड़ी संख्या में युवाओं के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
बेनीवाल ने युवाओं के नाम एक भावुक अपील में कहा है, "अब बात सिर्फ एक भर्ती की नहीं है, बल्कि उन सपनों की है जो बार-बार कुचले गए हैं। यह लड़ाई जाति, धर्म या पार्टी की नहीं, बल्कि उस व्यवस्था के खिलाफ है जिसने युवाओं की मेहनत और उम्मीदों को रौंदा है।"
उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के संघर्षों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने कभी सत्ता से डरकर समझौता नहीं किया और हमेशा युवाओं की आवाज को प्राथमिकता दी है। इस रैली को वह युवाओं के भविष्य की निर्णायक परीक्षा मानते हैं।
वहीं दूसरी ओर, वर्तमान में प्रशिक्षण ले रहे ट्रेनी SI भी चिंता में हैं। उनका कहना है कि उन्होंने इस भर्ती के लिए अन्य अवसर छोड़े, उन्होंने कोई गलत कार्य नहीं किया, और अब यदि भर्ती रद्द होती है तो यह उनके साथ अन्याय होगा।
बता दें कि RPSC ने 2021 में 859 पदों पर SI और प्लाटून कमांडर की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। बाद में पेपर लीक की शिकायतों पर SOG ने जांच की, जिसमें कुछ ट्रेनी SI समेत कई लोग गिरफ्तार हुए। मामले में हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर हुईं और ‘यथास्थिति बनाए रखने’ के आदेशों के चलते फील्ड ट्रेनिंग भी रोक दी गई।
RLP की ओर से इस रैली को सफल बनाने के लिए विधानसभा स्तर पर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। माना जा रहा है कि यह रैली आने वाले समय में राजस्थान की राजनीति और युवा आंदोलनों की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकती है।
नज़रें अब 25 मई पर टिकी हैं, जब मानसरोवर की सड़कों पर युवाओं का सैलाब एक नई लड़ाई का बिगुल बजा सकता है।
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