राजस्थान में 25 मई से नौतपा की शुरुआत, मौसम रहेगा तमतमाया! IMD ने जारी किया अलर्ट
राजस्थान इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है। गुरुवार को प्रदेश के कई जिलों में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया।

राजस्थान इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है। गुरुवार को प्रदेश के कई जिलों में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया। वहीं मौसम विभाग ने शुक्रवार से प्रदेश के कुछ हिस्सों में आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केन्द्र जयपुर के अनुसार श्रीगंगानगर में गुरुवार को अधिकतम तापमान 47.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन का एक उच्चतम स्तर है।
इसके अलावा वनस्थली, पिलानी, बाड़मेर, जैसलमेर, फलोदी, बीकानेर और चूरू में भी तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक रिकॉर्ड किया गया। राजधानी जयपुर में भी गर्मी का असर बना रहा और तापमान 42.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गर्म हवाओं और तेज धूप ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है।
गर्मी के साथ ही राज्य के कुछ हिस्सों में मौसम ने करवट ली है। गुरुवार रात को रामगंजमंडी में तेज बारिश और अंधड़ से कई पेड़ उखड़ गए, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। वहीं भीलवाड़ा में तेज तूफान के कारण अस्पताल परिसर में एक पेड़ गिर गया, जिससे उसकी चपेट में आने से एक बुजुर्ग की मौत हो गई। चित्तौड़गढ़ जिले के साड़ास थाना क्षेत्र के भीलों का झोंपड़ा गांव में तेज आंधी के दौरान एक कच्ची दीवार ढह गई, जिससे भारी नुकसान हुआ है।
मौसम विभाग ने आगामी 4 से 5 दिनों तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में मौसम के अस्थिर बने रहने की चेतावनी दी है। उदयपुर और कोटा संभाग के कुछ क्षेत्रों में दोपहर बाद तेज मेघगर्जन, आंधी और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। इसके अलावा जयपुर, भरतपुर और अजमेर संभाग में 24 से 26 मई के बीच कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है। 23 मई को बीकानेर, भरतपुर और जयपुर संभाग में आंधी और गर्जन की आशंका है।
इस बीच, 25 मई से नौतपा शुरू होने जा रहा है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार इस दिन सूर्य सुबह 3 बजकर 27 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा और 15 दिनों तक इसमें रहेगा। 8 जून को सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेगा, जिससे नौतपा समाप्त हो जाएगा। माना जाता है कि नौतपा के पहले नौ दिन सबसे अधिक गर्म होते हैं, जब सूर्य की किरणें धरती पर सीधी और तीव्र पड़ती हैं।
हालांकि, यह भी कहा जाता है कि नौतपा की गर्मी जितनी तेज होगी, मानसून उतना ही बेहतर रहेगा। यह भीषण गर्मी कृषि के लिहाज से लाभदायक मानी जाती है क्योंकि इससे खेतों में मौजूद हानिकारक कीट-पतंगे और जीव-जंतु नष्ट हो जाते हैं, जिससे फसलों को फायदा होता है।
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