people ran away leaving dead body in jodhpur bees create ruckus watch video जोधपुर में शव छोड़ भागे लोग, मधुमक्खियों ने मचाया ऐसा आतंक की रास्ता बना रणभूमि; देखें Video, Rajasthan Hindi News - Hindustan
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जोधपुर में शव छोड़ भागे लोग, मधुमक्खियों ने मचाया ऐसा आतंक की रास्ता बना रणभूमि; देखें Video

जोधपुर जिले के खिंदाकौर गांव में उस समय अजीबो गरीब हंगामा मच गया जब एक शांत अंतिम यात्रा पर मधुमक्खियों ने ऐसा कहर बरपाया कि लोग बीच रास्ते में शव छोड़ खुद की जान बचाने के लिए दौड़ पड़े।

Sneha Baluni लाइव हिन्दुस्तान, जोधपुरWed, 23 April 2025 01:25 PM
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जोधपुर में शव छोड़ भागे लोग, मधुमक्खियों ने मचाया ऐसा आतंक की रास्ता बना रणभूमि; देखें Video

जोधपुर जिले के खिंदाकौर गांव में उस समय अजीबो गरीब हंगामा मच गया जब एक शांत अंतिम यात्रा पर मधुमक्खियों ने ऐसा कहर बरपाया कि लोग बीच रास्ते में शव छोड़ खुद की जान बचाने के लिए दौड़ पड़े। यहां फिल्मी सीन जैसा नजारा देखने को मिला। न मंत्रोच्चार, न आंसू, बस चारों तरफ भगदड़ और चीख-पुकार।

घटना बुधवार की बताई जा रही है। गांव में किसी व्यक्ति का निधन हुआ था और परिजन उसे अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट लेकर जा रहे थे। पूरा गांव शवयात्रा में शामिल था। जैसे ही शवयात्रा एक पुराने पेड़ के पास पहुंची, अचानक वहां मौजूद मधुमक्खियों का बड़ा झुंड उनपर टूट पड़ा। मानो किसी ने मधुमक्खियों को क्रोधित कर दिया हो।

कुछ ही पलों में माहौल मातम से चीखों में बदल गया। मधुमक्खियां ऐसे झपट पड़ीं जैसे दुश्मन पर कमांडो यूनिट! जिसने जो पाया, ओढ़ा और वहां से भागा। कोई चादर ओढ़कर झाड़ियों में जा छिपा तो कोई प्लास्टिक की थैलियां ओढ़कर भागता नजर आया। हालत ऐसी हो गई की लोग शव वहीं छोड़ कर भाग खड़े हुए। कई लोगों को दर्जनों मधुमक्खियों ने काट लिया।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मधुमक्खियों का यह हमला अचानक और बेहद खतरनाक था। “हम तो शांतिपूर्वक अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे, पर यह क्या हो गया। मधुमक्खियों ने हमें जीते जी मार डाला!” एक बुजुर्ग ने दर्द भरे स्वर में कहा, जिनकी आंखों के आसपास अभी भी सूजन थी।

गांव के स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के लिए कई लोग पहुंचे, जहां लोगों ने एंटी-एलर्जिक दवाइयों से काम चलाया। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे पेड़ों की पहचान की जाए जहां मधुमक्खियों का बसेरा है और उन्हें हटाया जाए। बहरहाल, कुछ घंटों बाद जब मधुमक्खियां शांत हुईं, तब जाकर दोबारा अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की गई।

लेकिन यह घटना गांव वालों के दिलों-दिमाग पर ऐसा असर छोड़ गई है कि अब कोई भी उस रास्ते से गुजरने से डर रहा है। मधुमक्खियां भले ही पर्यावरण के लिए जरूरी हों, लेकिन जब हमला करती हैं तो सारा वातावरण हिला देती हैं। जोधपुर के खिंदाकौर में यही हुआ, जहां मौत पर मातम के बीच मच गया ऐसा कोहराम कि लोगों को जान बचाना मुश्किल हो गया।