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हमारे मेहमान घाटी से पलायन कर रहे हैं, सीएम अब्दुल्ला का छलका दर्द; एयरपोर्ट से NH44 तक फंसे लोग

  • राष्ट्रीय राजमार्ग NH-44 श्रीनगर और जम्मू को जोड़ता है। यह हाल ही में रामबन जिले में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के कारण बंद हो गया था।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, श्रीनगरWed, 23 April 2025 12:31 PM
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हमारे मेहमान घाटी से पलायन कर रहे हैं, सीएम अब्दुल्ला का छलका दर्द; एयरपोर्ट से NH44 तक फंसे लोग

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए एक आतंकी हमले के बाद घाटी में पर्यटकों का पलायन शुरू हो गया है। इसको लेकर सूबे से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गहरी चिंता और दुख जताया है। इस आतंकी हमले में 28 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल हैं। यह हमला अनंतनाग जिले के पहलगाम में बैसारन वैली में हुआ, जो एक खूबसूरत पर्यटक स्थल है। इस घटना के बाद से बड़े स्तर पर पर्यटक घाटी छोड़ रहे हैं, जिसके चलते श्रीनगर से अन्य शहरों के लिए हवाई और सड़क मार्ग पर भारी भीड़ देखी जा रही है।

सीएम उमर अब्दुल्ला का बयान

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा, "हमारे मेहमानों का घाटी से पलायन देखकर दिल टूट रहा है, लेकिन हम यह भी समझते हैं कि लोग क्यों जाना चाहते हैं।" उन्होंने बताया कि डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय श्रीनगर से अतिरिक्त उड़ानों की व्यवस्था करने में जुटे हैं, ताकि फंसे हुए पर्यटकों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके। इसके अलावा, श्रीनगर और जम्मू के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) को एक दिशा में यातायात के लिए फिर से खोल दिया गया है।

सीएम ने आगे कहा, "मैंने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि श्रीनगर और जम्मू के बीच पर्यटक वाहनों को निकलने की सुविधा दी जाए। हालांकि, यह प्रक्रिया नियंत्रित और व्यवस्थित तरीके से करनी होगी, क्योंकि सड़क अभी भी कई जगहों पर अस्थिर है। हम उन सभी वाहनों को भी निकालने की कोशिश कर रहे हैं जो रास्ते में फंसे हुए हैं।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अभी पूरी तरह से वाहनों की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जा सकती और लोगों से सहयोग की अपील की।

DGCA की एडवाइजरी

इससे पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय और DGCA ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें सभी एयरलाइंस को श्रीनगर से अन्य शहरों के लिए उड़ानों की संख्या बढ़ाने और निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। एडवाइजरी में कहा गया है, "पहलगाम में हुई घटना के बाद पर्यटकों में अपने घरों को लौटने की मांग बढ़ गई है। ऐसे में एयरलाइंस को त्वरित कार्रवाई करते हुए उड़ानों की संख्या बढ़ानी चाहिए और श्रीनगर से विभिन्न गंतव्यों तक कनेक्टिविटी सुनिश्चित करनी चाहिए।" इसके साथ ही, एयरलाइंस से कैंसिलेशन और रीशेड्यूलिंग फीस माफ करने और पर्यटकों को हरसंभव सहायता प्रदान करने की अपील की गई है। यह एडवाइजरी 23 अप्रैल को नई दिल्ली से जारी की गई।

NH-44 पर स्थिति

राष्ट्रीय राजमार्ग NH-44 श्रीनगर और जम्मू को जोड़ता है। यह हाल ही में रामबन जिले में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के कारण बंद हो गया था। इस प्राकृतिक आपदा ने सड़क पर भारी तबाही मचाई थी, जिसके चलते कई वाहन फंस गए थे। हालांकि, अब इसे एक दिशा में यातायात के लिए खोल दिया गया है, लेकिन सड़क की स्थिति अभी भी पूरी तरह स्थिर नहीं है। प्रशासन ने बताया कि सड़क से मलबा हटाने का काम तेजी से चल रहा है, और स्थानीय पुलिस, स्वयंसेवक, और आपदा प्रबंधन टीमें दिन-रात काम कर रही हैं।

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पहलगाम हमले का विवरण

मंगलवार को पहलगाम के बैसारन वैली में हुए आतंकी हमले में 28 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। बैसरान वैली एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ट्रेकिंग रूट्स के लिए जाना जाता है। इस हमले के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा को बीच में ही रद्द कर दिया और भारत लौट आए। गृह मंत्री अमित शाह ने भी हमले की जगह का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। हमले के एक संदिग्ध आतंकी की तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें वह AK-47 राइफल के साथ दिखाई दे रहा है।

पर्यटकों पर हमले के विरोध में कश्मीर रहा बंद

जम्मू-कश्मीर में हाल के वर्षों में नागरिकों पर हुए सबसे घातक आतंकवादी हमले के विरोध में बुधवार को पूरे कश्मीर में पूर्ण बंद रखा गया है। हुर्रियत नेता और मुताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (एमएमयू) के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक ने भीषण हत्याओं के विरोध में बंद का आह्वान किया था। प्रमुख व्यापार निकायों, परिवहन संघों और नागरिक समाज समूहों ने भी हड़ताल का आह्वान किया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) सहित मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने बंद को अपना समर्थन दिया।